झमाझम बारिश से संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर तरबतर
अनूपपुरPublished: Sep 01, 2018 05:54:07 pm
जिले में भारी बारिश की चेतावनी से अंजान प्रशासन
झमाझम बारिश से संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर तरबतर
अनूपपुर. प्रदेश के 15 जिलों में बुधवार को मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी का जिला प्रशासन पर कोई असर नहीं दिखा। जहां गुरूवार की शाम झमाझम हुआ जोरदार बारिश में खुद प्रशासकीय विभागों की कार्य स्थली संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर पानी-पानी हो गया। आसपास के क्षेत्रों से आने वाला बारिश का पानी पास बनी तालाब में लबालब भरकर कलेक्ट्रेट परिसर में लगभग २-३ फीट मोटी परत के रूप में तालाब के सामान बहने लगी। लेकिन आश्चर्य दौरान किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इस परिसर के पानी पानी होने की सूचना पर उसके जलनिकासी की व्यवस्था नहीं कराई। हालांकि गुरूवार की रात बारिश के थमे रहने के कारण शुक्रवार की सुबह कलेक्ट्रेट परिसर का पानी उतर गया। लेकिन जानकारों का कहना था कि अगर रात के दौरान जोरदार बारिश होती तो पूरा परिसर ही जलमग्न हो जाता और आज कार्यालय खुलने की बजाय मुख्य गेट पर ताले लटके रहते। फिलहाल शासकीय कर्मचारियों व अधिकारियों ने राहत की सांसे ली है। लेकिन जिस प्रकार से आसमान में काले बादलों की उमड़ धूमड़ और मौसम विभाग की चेतावनी जारी हो रही है, उससे यही कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशासन की लापरवाही में कभी भी अनूपपुर बाढ़ जैसी शक्ल में नजर आने लगेगी। विदित हो कि बुधवार को मौसम विभाग ने प्रदेश के १५ जिलों के लिए अलर्ट जारी करते हुए भारी बारिश की चेतावनी दी थी। इनमें बालाघाट, मंडला, अनुपपुर, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर व धार शामिल थे।
भगवान भरोसे खनिज और नापतौल
पिछले एक सप्ताह से खनिज विभाग और नापतौल विभाग के जलमग्न है, जहां नापतौल विभाग में चारों ओर पानी के भराव तथा मार्ग के अभाव में एक सप्ताह से ताला बंदी है। वहीं खनिज विभाग तक पहुंच के लिए पदाधिकारियों व कर्मचारियों के साथ साथ अन्य विभागीय कार्य से आने वाले लोगों को पानी के बीच गुजरने की विवशता बनी हुई है। हालांकि कलेक्टर ने मोटर पम्प से पानी नदी में गिरवाने की कार्रवाई कर रही है। लेकिन हर बारिश के बाद पानी से लबालब गहरा अस्थायी कुंड परिसर तक पानी पसार आता है।