scriptजालेश्वर शिवधाम जलाभिषेक के लिए बंगाल से अमरकंटक तक की स्कूटर से यात्रा | Journey from Bengal to Amarkantak with scooter for Jaleeshwar Shivdham | Patrika News

जालेश्वर शिवधाम जलाभिषेक के लिए बंगाल से अमरकंटक तक की स्कूटर से यात्रा

locationअनूपपुरPublished: Aug 12, 2018 05:51:59 pm

Submitted by:

shivmangal singh

शिवदर्शन की अनोखी यात्रा : स्कूटर रथयात्रा बनारस, अमरकंटक, पुरी होते हुए तारकेश्वर में होगी समाप्त

Journey from Bengal to Amarkantak with scooter for Jaleeshwar Shivdham Jalabhishek

जालेश्वर शिवधाम जलाभिषेक के लिए बंगाल से अमरकंटक तक की स्कूटर से यात्रा

अमरकंटक. धार्मिक आस्थाओं से जुड़े भक्तों की अपने ईष्ट के प्रति ऐसी समर्पण भावना होती है कि वे अपने ईष्टदेव को प्रसन्न करने तथा खुद को समर्पित करने हर एक मुसीबतों को लांघ उनके द्वार पहुंच जाते हैं। कुछ ऐसी ही भावनाओं से ओतप्रोत बंगाल के कलकत्ता निवासी की एक अनोखी स्कूटर रथयात्रा है, जो सावन के तीसरे सोमवार को नर्मदा और गंगाजल के साथ जालेश्वर स्थित महादेव को जल अर्पित कर आशीष प्राप्त करेंगे और फिर पुरी उड़ीसा होते हुए सावन मास के अंत तक आरम्भिक स्थल तारकेश्वर महादेव धाम बंगाल में यात्रा समाप्त करेंगे। बताया जाता है कि अपनी छोटी सी थ्री व्हीलर स्कूटर को रथ के सामान सजाकर जिसमें धार्मिक मर्मता के साथ साथ देश भावना भी सजी है कलकत्ता निवासी मणिशंकर पाल शुक्रवार की शाम अमरकंटक पहुंचे। जहां बंगाल की हुगली (गंगा) और बनारस की गंगानदी के गंगाजल के साथ सोमवार 13 अगस्त को मां नर्मदा के पवित्रजल के साथ जालेश्वर में महादेव को चढ़ाएंगे।
मणिशंकर पाल ने अपनी यात्रा बाडानगर में गंगा स्नान के साथ गंगाजल लेकर आरम्भ की थी, जो तारकेश्वर महादेव पर चढ़ाने के उपरांत शेष गंगाजल के साथ बनारस महोदव मंदिर में अर्पित की। यहीं नहीं बनारस की गंगा का जल लेकर वे अपनी स्कूटर रथ के साथ 10 अगस्त को अमरकंटक नर्मदाधाम पहुंचे। मणिशंकर पाल का कहना है कि वे अमरकंटक के जालेश्वर महादेव में जलाभिषेक के साथ पुरी के लिए प्रस्थान करेंगे तथा अपनी सावन यात्रा का अंत तारकेश्वर धाम में समाप्त करेंगे। मणिशंकर पाल की यह पहली यात्रा नहीं है, इससे पूर्व उन्होंने कन्याकुमारी यात्रा के दौरान अमरकंटक से गुजरने का अवसर प्राप्त किया था, लेकिन वह मां नर्मदा और जालेश्वर धाम में शिव का दर्शन नहीं कर सके थे। उनका कहना है कि वे बचपन से ही सावन मास के दौरान जलाभिषेक के लिए बाडानगर से पैदल तारकेश्वर धाम बंगाल जाते थे। इस दौरान 28 वर्ष तक वह पैदल अपने साथियों के साथ तारकेश्वर धाम आए। फिर 6 वर्ष तक सायकल पर सवार कर जलाभिषेक किया और अब पिछले 6 साल से अकेले ही स्कूटर रथ पर सवार होकर देश के अनेक प्रांतों में स्थापित शिव मंदिरों में जलाभिषेक कर रहे हैं। वे इससे पूर्व तिरूपति बालाजी, रामेश्वरम्, कन्याकुमारी, कश्मीर जैसे स्थानों का भ्रमण कर चुके हैं।
धर्म के साथ राष्ट्रप्रेम की झलक
मणिशंकर पाल के स्कूटर रथ में धार्मिक देवी-देवताओं के साथ साथ देश के प्रति अस्था से जुड़ी श्रेष्ठजनों की तस्वीर और स्लोगन भी लिखे हुए है। जो यह दर्शाता है कि हम सिर्फ और सिर्फ भारतीय जो अपने देश की संस्कृति और परम्पराओं में धर्म की आस्था से जुड़े हैं। स्कूटर में युद्ध नहीं शांति चाहिए, मेरा भारत महान, हमसब भारतीय हैं, सेव वल्र्ड, सेव चाईल्ड, ग्रेट इंडिया वी और इंडियन जैसे स्लोगन भी लिखे हुए हैं,जो पढऩे वालों व देखने वालों को नई चेतना नई सोच पैदा करने विवश कर रही है।

ट्रेंडिंग वीडियो