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जानिए…आखिर संविदा स्वास्थ्यकर्मी क्यों नहीं लौट रहे कार्यस्थल

locationअनूपपुरPublished: Mar 14, 2018 08:37:19 pm

Submitted by:

shivmangal singh

जानिए…आखिर संविदा स्वास्थ्यकर्मी क्यों नहीं लौट रहे कार्यस्थल

Know ... Why the contractor is not returning the health worker
आदेश दरकिनार कर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर संविदाकर्मी, सेवा समाप्ति पर संशय में कर्मचारी
स्टफो की कमी में लडख़ड़ाई अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं, एक स्टाफ नर्स के भरोसे एसएनसीयू व प्रसव वार्ड
अनूपपुर। दो सूत्री मांगो ंका लेकर पिछले १९ फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने अब सेवा समाप्ति का भी संशय पनपने लगा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश मुख्य प्रशासनिक अधिकारी द्वारा ८ मार्च को जारी किए गए आदेश में १२ मार्च तक कार्यस्थल पर वापसी के अल्टीमेंटम नहीं तो अनुपस्थिति की दशा में सेवा समाप्ति की स्वत: संज्ञान मान लेने में अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदाकर्मियों के चेहरे पर निराशा की भावना जाहिर होने लगी है। हालांकि अनिश्चितकालीन हड़ताल के २३वें दिन भी अनूपपुर इंदिरा तिराहा पर हजारों हड़ताली कर्मचारियों का कुनबा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठा हुआ है। इसमें संविदा स्वास्थ्यकर्मियों सहित न्यूबहुद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ तथा आशा उषा सहयोगिनी कार्यकर्ताएं शामिल हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष शाजिद खान का कहना है कि भले ही शासकीय स्तर पर आदेश जारी कर कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की चेतावनी दी गई हो, जबतक संघ भोपाल द्वारा हमें लिखित आदेश नहीं मिल जाते, हम अपने कार्यस्थल पर वापसी नहीं करेंगे। शाजिद खान के अनुसार अबतक शासन ने दो बार आदेश पत्र जारी कर कार्यस्थल पर कर्मचारियों से वापसी तथा सेवा समाप्ति की चेतावनी दी जा चुकी है। इनमें पहला आदेश २ मार्च तथा दूसरा आदेश ८ मार्च को जारी किया गया, जिसमें १२ मार्च तक कार्यस्थल पर लौटने की आखिरी तारीख नियत की गई। बहरहाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश द्वारा जारी आदेशों को दरकिनार कर संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी दो सूत्री मांगों में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखी है।
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एक ओर जहां संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। वहीं जिला अस्पताल सहित जिलेभर के स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हो गई है। जहंा जिला अस्पताल में दिन की डूयटी सहित रात्रिकालीन ड्यूटी में एक-एक स्टाफ नर्स के भरोसे सैकड़ों मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिलाया जा रहा है। इस अव्यवस्था में मरीजों को उपचार के लिए लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ता है। वहीं कुछ मरीज स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। जबकि समस्त वार्डो में सबसे अधिक संवेदनशील वार्ड एसएनसीयू में भी एक स्टाफ नर्स के भरोसे दर्जनों नौनिहालों की सेवा टहल कराई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जब हमारे पास स्टाफ हीं नहीं है तो मरीजों को समय पर तत्काल उपचार कहां से मिल पाएगा।
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