एक स्टाफ के भरोसे जिला अस्पताल का लैब विभाग, जांच नहीं होने पर मरीजों ने किया
विरोध
अनूपपुरPublished: Sep 10, 2019 04:18:56 pm
12.30 बजे सैम्पल नहीं लिए जाने से नाराज हुए परिजन व मरीज, गर्मी से मरीजों का बिगड़ा स्वास्थ्य
एक स्टाफ के भरोसे जिला अस्पताल का लैब विभाग, जांच नहीं होने पर मरीजों ने किया विरोध
अनूपपुर। जिला अस्पताल में ९ सितम्बर को पैथोलॉजी विभाग के पास उस विवाद की स्थिति बन गई जब काउंटर पर मौजूद स्टाफ ने दोपहर १२.३० बजे ही मरीजों से लिए जाने वाले जांच के सैम्पल लेने से इंकार कर दिया। साथ ही मरीजों को दोपहर ३ बजे पुन: जांच के लिए सैम्पल लाने की बात कही। जिसके बाद वहां मौजूद आधा सैकड़ा से अधिक मरीज व परिजनों ने हंगामा मचाते हुए नाराजगी जताई। इस मौके पर कुछ महिलाओं ने जमीन पर बैठकर बिना जांच रिपोर्ट लिए जाने से पूर्व हटने से मनाही कर दी। अधिक भीड़ होने के कारण प्रसव पीडि़त कुछ महिलाओं गर्मी की बैचेनी में मौके पर ही उल्टी कर दी। महिलाओं का स्वास्थ्य बिगड़ता देखकर कुछ मरीज बिना सैम्पल जांच कराए ही वहां से बैरंग लौट आए। जबकि कुछ जरूरी जांच होने के कारण काउंटर पर ही मौजूद होकर स्टाफ से जांच रिपोर्ट देने की अपील करते रहे। मरीजों व परिजनों का कहना था कि अभी दोपहर के १२.३० बजे हैं, अभी न तो लंच आवर है और ना ही ड्यूटी आवर की निर्धारित समय पूरा हुआ है। सोमवार होने के कारण दूर-दराज से मरीज उपचार के लिए सुबह से ही अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर के बाहर घंटों से खड़े हैं। सप्ताह के प्रथम दिन के कारण पौथोलॉजी विभाग के बाहर सैकड़ा से अधिक मरीज जुटे हुए थे। हालांकि बाद में स्टाफ ने भर्ती प्रसव पीडि़त माताओं के जांच सैम्पल लेकर रिपोर्ट दी। लेकिन वहां मौजूद अन्य मरीजों का जांच नहीं हो सका। बताया जाता है कि जिला अस्पताल में सोमवार की सुबह एक मात्र स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसमें सुबह ९ बजे से दोपहर १२.३० बजे लगभग ८० मरीजों के ४०० प्रकार की जांच किया जा चुका था। एक स्टाफ द्वारा ही जांच और फिर सैम्पल लेने के साथ जांच की रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। इसी बीच सुबह ८ बजे से ११.३० बजे तक बिजली विभाग की मेंटनेंस वर्क में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद रही। दोपहर बिजली आपूर्ति होने पर बार बार गुल होने के कारण मशीनें और जांच प्रक्रिया प्रभावित होती रही। जिसे देखते हुए स्टाफ ने दोपहर १२.३० बजे एक मशीन और एक स्टाफ में आधा सैकड़ा से अधिक बचे मरीजों की जांच रिपोर्ट बनाने से इंकार कर दिया। मरीजों व परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रशासन को सोमवार के प्रथम दिन और मरीजों की आने वाली तादाद के अनुसार स्टाफों को बढ़ाना चाहिए था। वर्तमान जिलेभर में संक्रमित मरीजों की तादाद अधिक है, इसमें प्रत्येक डॉक्टर एक मरीज की चार से पांच जांच रिपोर्ट की सलाह दे रहे हैं।
बॉक्स: ६ स्टाफ के भरोसे लैब और पौथॉलोजी जांच, नहीं होती तत्काल जांच
जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिला अस्पताल में ब्लड बैंक और पौथोलॉजी विभाग के लिए मात्र ६ स्टाफ उपलब्ध है। जिनसे ड्यूटी ऑवर के तीन शिफ्टों का काम करवाया जा रहा है। इसमें सुबह २-३ स्टाफ के माध्यम से पौथोलॉजी और ब्लड बैंक की जांच प्रक्रियाएं पूरी कराई जाती है। शेष स्टाफ दोपहर और रात के समय एक-एक की तादाद में उपस्थिति दर्ज कराकर ड्यूटी पूरा कर रहे हैं। इससे मरीजों को जांच के लिए अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है। इनमें लेबर रूम के लिए रोजाना १०-१२ ब्लड फ्यूजन टेस्ट अनिवार्य होता है। इस मामले में जिला अस्पताल प्रशासन ने पीएस स्वास्थ्य सहित जिला प्रशासन को भी पौथोलॉजी में स्टाफों की कमी बताकर यहां काम प्रभावित होने की जानकारी दी थी। बावजूद शासन-प्रशासन की अनदेखी मरीजों के प्रति बरकरार बनी है।
वर्सन:
पौथॉलोजी और ब्लड बैंक में स्टाफों की कमी है। इस सम्बंध में पीएस स्वास्थ्य और जिला प्रशासन सहित सीएमएचओ को जानकारी दी जा चुकी है। स्टाफो की कमी में जांच प्रक्रियाएं समय पर पूरी नहीं हो पा रही है।
डॉ. एसके राय, सिविल सर्जन जिला अस्पताल अनूपपुर।