आदिवासियों के अधिकारों का सरंक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवा योजना सुनिश्चित हो- न्यायाधीश
अनूपपुरPublished: May 10, 2019 12:42:39 pm
आईजीएनटीयू परिसर में विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर के संबंध में दी जानकारी
आदिवासियों के अधिकारों का सरंक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवा योजना सुनिश्चित हो- न्यायाधीश
अनूपपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर द्वारा इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवा योजना विषय पर विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. सुभाष कुमार जैन ने उपस्थित विश्वविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि योजना का लक्ष्य भारत में जनजातियों तक न्याय की पहुंच को सुनिश्चित करना है। न्याय तक पहुंच की अपने तमाम अर्थों में अर्थात् अधिकारों तक पहुंच, लाभ, विधिक सहायता, अन्य विधिक सेवाएं सहित अन्य को सुगम बनाता है, ताकि संविधान के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक एवं न्याय को सुनिश्चित करने के वचन का देश में जनजातियों द्वारा भी अर्थपूर्ण रूप से अनुभव कर सके। श्री जैन ने भारतीय संविधान में उल्लेखित अनुच्छेद 14,15,16 एवं 21 के साथ-साथ सामाजिक न्याय, मूल अधिकार, मूल कर्तव्य के संबंध में भी उपस्थित छात्र-छात्राओं को बताया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टीवी कट्टीमनी ने डॉ. सुभाष कुमार जैन द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण जानकारी के संबंध में उनको धन्यवाद ज्ञापित किया। शिविर के अंत में राष्ट्रगान का सामूहिक रूप से गायन किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में राकेश सनोडिया प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 अनूपपुर, आरती रतौनिया प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 अनूपपुर एवं जीतेन्द्र मोहन धुर्वे जिला विधिक सहायता अधिकारी, प्रो. प्रसन्ना के. समल, प्रो. मनोकोंडा रविन्द्रनाथ, केनेडी भीमटे, ऋषि पांडेय, महेश साकेत, पीएलवी आयुष सोनी एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।