अनूपपुर। जिले में कोरोना महामारी ने जहां मानव समाज को प्रभावित किया, वहीं इस दौरान प्राचार्यो व शिक्षकों की लापरवाही ने स्कूली छात्रों को प्रवेश से वंचित कर दिया। सालभर में हालात यह बने कि इनमें कक्षा ९ से १२वीं के बीच लगभग २ हजार से अधिक बच्चों का नामांकन स्कूलों में नहीं हो सका। जिले में उच्च संस्था के रूप में संचालित १३८ संस्थाओं में ८० स्कूलों में सबसे कम बच्चों के प्रवेश दिलाए गए। जहां ये वह स्कूल संस्थाएं हैं, जहां पूर्व के वर्षो में बच्चों के प्रवेश संख्या १५०-१७५ के बीच हुआ करती थी, लेकिन प्राचार्यो की अनदेखी और बच्चों को शिक्षा से जोडऩे नहंी की गई पहल में मात्र ५०-६० के बीच आ अटकी है। जबकि जिले में कोरोना महामारी के दौरान शासन द्वारा शैक्षणिक व्यवस्थाओं को बनाए रखने अनेक कार्ययोजनाएं संचालित की गई, ताकि बच्चों का रूझान पठन पाठन से जुड़ा रहे। इसके लिए शिक्षकों को भी जिम्मेदारियां सौंपते हुए बच्चों के नामांकन, डीजीलैप एजुकेशन सहित मोहल्ला क्लास जैसी व्यवस्थाओं के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन के निर्देश दिए थे। लेकिन प्राचार्यो व शिक्षकों की लापरवाही में कोरोना महामारी के दौरान सालभर में जिले के उच्च शिक्षण संस्थानों में २ हजार से अधिक बच्चों का प्रवेश कम हुआ। इनमें मिडिल स्कूल से पास आउट कर कक्षा ९ वीं प्रवेश पाने वाले बच्चों की संख्या सबसे कम है। वहीं सभी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत सभी विषय शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन ५-१० छात्रों से मोबाइल के माध्यम से लिंक के माध्यम से जानकारी भरा जाना था, लेकिन इनमें कार्यरत ६४८ शिक्षकों में मात्र २११ शिक्षकों ने प्रतिदिन जानकारी भरी। इसके अलावा ११२ दिव्यांग छात्रों के नामांकन में भी मात्र ६७ का नामांकन किया जा सका है। इस प्रकार बच्चों के प्रवेश आंकड़े यह बताने के लिए काफी है कि स्कूल प्राचार्यो द्वारा बरती गई लापरवाही में अब २ हजार से अधिक बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह गए हैं।बॉक्स: क्या कहता है आंकड़ावर्ष २०२१-२१ में संस्था में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्यास्कूल संख्या कक्षा९ १० ११ १२ कुल१३८ १०२९९ १०४२० ८११४ ६१९३ ३५०२६वर्ष २०२१-२२ में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या१३८ ९१४९ ९५८८ ८०८१ ६११७ ३२९३५वर्ष २०२१-२२ में प्रवेश से वंचित बच्चों की संख्या१३८ ११५०(११त्न) ८३२(८त्न) ३३(०त्न) ७६(१त्न) २०९१(६त्न)बॉक्स: कलेक्टर की समीक्षा में प्राचार्य अनुपस्थित, जताई नाराजगीविभागीय जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में कलेक्टर ने स्कूलों में शिक्षण व्यवस्थाओं और प्राचार्यो द्वारा कार्ययोजनाओं के आधार पर किए जा रहे शिक्षण संचालन पर समीक्षा बैठक आयोजित की। जिसमें १३८ उच्च शिक्षण संस्थानों में मात्र ९२ प्राचार्य ही वीडियो कांफ्रेंस से जुड़ सके। शेष प्राचार्य अनुपस्थित रहे। वहंी कलेक्टर ने जैतहरी विकासखंड के गौरेला और शासकीय मॉडल स्कूल अनूपपुर के प्राचार्य से बातचीत करना चाही, लेकिन दोनों ही प्राचार्य अनुपस्थित रहे। जिसपर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा जब प्राचार्य कलेक्टर से बातचीत नहीं कर सकते तो बच्चों के अभिभावकों से क्या करते होंगे। रमसा एसीपी देवेश सिंह बघेल ने बताया कि प्राचार्यो द्वारा नियमित पोर्टल पर भरी जाने वाली जानकारी और अनुपस्थिति को लेकर कलेक्टर ने एक सप्ताह के बाद दोबारा समीक्षा बैठक के निर्देश दिए हैं, जिसमें सभी प्राचार्यो की उपस्थित अनिवार्य किया है।वर्सन: कलेक्टर द्वारा समीक्षा की गई है, जिसमें लक्ष्य पूरा नहीं करने और पोर्टल पर मांगी गई जानकारी नहीं भरने वाले प्राचार्यो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। तुलाराम आर्मो, जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर। [typography_font:18pt;” >—————————————–