अनूपपुर। अमरकंटक में निर्माणाधीन भगवान श्री आदिनाथ का लंबे समय से कार्य प्रगति में है, जबकि मंदिर में भगवान विराजमान हो चुके है। दिगम्बर जैन धर्मानुसार भादों मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन से शुरू हुए पर्युषण पर्व में दस लक्षण व्रत का बड़ा ही महत्व होता है। जिसमें दस दिनों तक श्रावक अपनी यथाशक्तिनुसार वृत्य/उपवास रख तप करते है। दस लक्षण के दस रूप उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शौच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन एंव उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की भावना रख दस दिनों तक व्रत/उपवास करते है। जैन मंदिर निवासी चुन्नू जैन ने बताया कि इस पर्व में निर्जला व्रत भी रखा जाता है व मौन रख भी व्रत करते है। जिसकी जैसी सहन शक्ति, पर तपस्या के लिए पूरी निष्ठा के साथ ही व्रत रखा जाता है। २३ सितम्बर को पर्व के महात्म्य के मद्देनजर सर्वोदय तीर्थ क्षेत्र जैन मंदिर में निवासरत जैन संप्रदाय श्रावको द्वारा पर्युषण पर्व की समाप्ति के उपलक्ष्य में भगवान श्री आदिनाथ की झांकी सजा करगाजे बाजे के साथ शोभायात्रा के रूप निकाली। शोभायात्रा जैन मंदिर प्रांगण से मां नर्मदा उद्गम मंदिर से होते हुए नगर भ्रमण करते हुए कल्याण सेवा आश्रम से वापस जैन मंदिर में समाप्त की गई। यह शोभा यात्रा हर वर्ष निकाली जाती है। साथ ही मिष्ठान वितरण भी हर भक्तजन व श्रद्धालुओं के बीच किया जाता है। नगरवासी भी इस झांकी को देख नतमस्तक व श्रीफल, पुष्प मालाएं अर्पित कर अपने आप को धन्य पाते है। दोपहर 1 बजे शोभायात्रा प्रारम्भ की गई जो लगभग 3 घंटे शोभायात्रा के बाद समाप्त हुई। यात्रा के दौरान विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को, नप उपाध्यक्ष, सांसद प्रतिनिधि प्रकाश द्विवेदी, मंडलम अध्यक्ष श्यामलाल सेन, धनंजय तिवारी, सुनील जैन, देवेंद्र जैन, चुन्नू जैन, राकेश जैन सहित अन्य श्रद्धालु रहे। [typography_font:18pt;” >——————————————————–