कुपोषण: कुपोषित बच्चों के प्रति नहीं गम्भीर विभाग और प्रशासन, मैदानी अमले को नहीं मिल रहे बच्चे
अनूपपुरPublished: Nov 30, 2020 11:59:17 am
खतरों के बीच 616 कुपोषित नौनिहाल, अधिकांश एनआरसी केन्द्रों पर बच्चे कम
कुपोषण: कुपोषित बच्चों के प्रति नहीं गम्भीर विभाग और प्रशासन, मैदानी अमले को नहीं मिल रहे बच्चे
अनूपपुर। आदिवासी बाहुल्य जिला अनूपपुर में कुपोषित बच्चों को नया जीवन देने विभाग और प्रशासन दोनों गम्भीर नहीं दिख रहे हैं। कुपोषण के दंश में जिले के ५६७६ कुपोषित तथा ६१६ अतिकुपोषित की श्रेणी में शामिल हैं। ऐसे बच्चों की जांच पड़ताल और पोषण पुर्नवास केन्द्र के माध्यम से पोषित बनाने वाली अधिकांश एनआरसी केन्द्र कम बच्चों की संख्या में संचालित हो रही है। बावजूद विभागीय अमला कुपोषण अभियान में सक्रिय नहीं हो रहा है। जबकि शहडोल में जिला प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लेते हुए अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जांच पड़ताल और आगे की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए निर्देशित किया है। लेकिन अनूपपुर जिले में इस समस्या से निपटने अबतक न तो कोई बैठक का आयोजन हुआ ना ही अधिकारियों को कोई दिशा निर्देश दिए गए हैं। हालात यह है कि जिले के चारों विकासखंड में पुष्पराजगढ़ विकासखंड के बाद अनूपपुर में कुपोषित बच्चों की संख्या सर्वाधिक है। जबकि अनूपपुर विकासखंड जिला मुख्यालय होने के साथ समृद्ध क्षेत्र भी है। बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण के उपरांत विभागीय अमला पूरी तरह से निष्क्रय हो गई है। न क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर पहुंचकर माताओं व नौनिहालों की वास्तविक जांच कर रही है और ना ही बच्चों के लिए आने वाले पोषक आहार का सही तरीके से वितरण कर रही है। जानकारों का मानना है कि विभाग की इस प्रकार की सुस्ती जारी रहेगी तो कुपोषण से नौनिहालों को कभी उबारा नहीं जा सकेगा। इसमें एक सैकड़ा तक बच्चे सुपोषित नहीं हो सकेंगे और दो सैकड़ा से अधिक कुपोषण की दंश में मौत से जिदंगी की जंग हार जाएंगे।
बॉक्स: वर्ष २०१९ में दुगुनी थी कुपोषित संख्या
भले ही वर्ष २०२० में कुपोषित बच्चों की संख्या ५६७६ और अतिकुपोषित बच्चों की संख्या ६१६ हो जो वर्ष २०१९ से लगभग आधा है। वर्ष २०१९ में १०३९१ कुपोषित और ६९९ अतिकुपोषित थे। लेकिन यहां यह देखने वाली बात है कि कुपोषित संख्या कम है लेकिन अतिकुपोषित बच्चों की संख्या पिछले वर्ष के आंकड़ों के आसपास ही बनी हुई है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि कुपोषण में कमी नहीं आई है और विभागीय अमला ने क्षेत्र में कुपोषित बच्चों के लिए बेहतर कार्य नहीं किया है।
बॉक्स: २०२० में कहां कितने कुपोषित बच्चें
विकासखंड कुपोषित अतिकुपोषित
अनूपपुर १३७२ १७७
जैतहरी १२१७ ९१
कोतमा ९०६ ८७
पुष्पराजगढ़ २१८१ २६१
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बॉक्स: २०१९ में यह थी कुपोषण की स्थिति
विकासखंड कुपोषित अतिकुपोषित
अनूपपुर २२६५ २०९
जैतहरी २४५८ १२२
कोतमा १४८७ ११६
पुष्पराजगढ़ ४१९१ ३२३
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