अनूपपुर । हजरत मोहम्मद साहब के जन्मोत्सव में १९ अक्टूबर को जिलेभर में ईद-उल-मिलानदुन्नवी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित जैतहरी, कोतमा, राजेन्द्रग्राम, बिजुरी सहित ग्रामीण अंचलों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पैगम्बर को याद कर उनका जन्मोत्सव मनाया। इस मौके पर जगह जगह जुलूस निकाले गए और भाईचारे का संदेश दिया गया। पर्व की तैयारी एक पखवारे भर से चली आ रही थी। मुस्लिम समुदाय में सूफी और बरेलवी विचारधारा के लोगों का मनना है कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे माह रबी अल-अव्वल की 12वीं तारीख को 571ई में हुआ था। ईद-ए-मिलाद या ईद मिलाद उन नबी को आम बोलचाल की भाषा में नबीद या मावलिद भी कहते हैं। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनते हैं, नमाज पढ़ते हैं और एक दूसरे को तोहफा देते हैं। इस दिन दावत भी दी जाती है। इसके अलावा पैगंबर मोहम्मद की याद में जुलूस निकालते हैं। जिला मुख्यालय अनुपपुर में जुलूस निकाला गया। जिसमें नवजवानों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। इस बीच पुलिस-प्रशासन जगह जगह सुरक्षा में तैनात रही। बस स्टैंड कमेटी द्वारा एक दिन पूर्व मिलाद सरीफ का प्रोग्राम रखा गया था। मंगलवार को सबसे पहले उनके द्वारा जुलूस निकाला गया और आए लोगों का एक दूसरे से गले मिलकर बधाई दी गई। जुलूस जामा मस्जिद होते हुए स्टेशन रोड, बस स्टैंड, आदर्श मार्ग होते हुए वापस जामा मस्जिद पहुंचा, जहां जुलूस की समाप्ति के बाद जोहर की नमाज के बाद फातेहा व सलाम के बाद आम लंगर का कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुरक्षा व्यवस्थाओं में एसडीएम कमलेश पुरी, तहसीलदार भागीरथी लहरे, नायब तहसीलदार दीपक तिवारी, एसडीओपी कीर्ति बघेल सहित थाना प्रभारी अमर वर्मा, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू सहित अन्य अमला मौजूद रहा। बॉक्स: शांतिपूर्ण निकाला गया जुलूस कोतमा में मंगलवार को ईद मिलादुन्नबी पर्व शांति पूर्ण रूप से मनाया गया। मस्जिद में कोरोना गाइड लाइन के अनुसार सीमित संख्या में नमाज अदा की गई। दोपहर बाद जुलूस निकाला गया जो शांितपूर्ण रुप से पुराने एसबीआई चौक में समापन हो गया। सुरक्षा को लेकर प्रशासन भी अलर्ट रहा, जो सुबह से ही प्रमुख चौराहों में तैनात रहने के साथ मोबाईल पार्टी द्वारा भी भ्रमण किया गया। [typography_font:18pt;” >——————————————————–