लाखों की पानी टंकी दशक से बेकार, पानी के लिए तरस रहे 700 परिवार
लाखों की पानी टंकी दशक से बेकार, पानी के लिए तरस रहे ७०० परिवार १४०० की आबादी में ग्राम पंचायत के नलजल से ७०० परिवारों को मिल रहा पानी, कॉलरी की टंकी अबतक सूखी अनूपपुर। अनूपपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत खोड्री क्रमांक २ के गांव कुहका के ७०० परिवार पिछले एक दशक से पानी के लिए तरस रहे हैं। लेकिन कॉलरी प्रबंधन की अनेदखी तथा जिला प्रशासन की अनसुनी में लाखों की पानी टंकी से एक बंूद भी जलधारा नहीं फूट सका है। कुहका गांव वर्ष 2007 में एसईसीएल द्वारा लाखों की लागत से निर्मित सामुदायिक विकास योजना के तहत बनाए गए नल जल योजना को ग्रहण लग गया है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत में लगभग १४०० परिवार निवासरत है। जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराया गया नलजल योजना के तहत आधी आबादी लगभग ७०० परिवारों को पानी मुहैया कराया जा रहा है। जबकि कॉलरी प्रभावित ७०० परिवारों के कुहका गांव के लोग पानी के लिए परेशान है। ग्रामीण कुआं या आसपास के अन्य जलस्त्रोत से ही जलापूर्ति कर रहे हैं। जबकि कॉलरी क्षेत्र होने के कारण कुंओं का पानी भी धूल तथा खदान प्रभावित क्षेत्र के कारण दूषित होती है। लेकिन कॉलरी प्रबंधन द्वारा तैयार किए गए लाखों की पानी टंकी शोपीस बनकर रह गई है। ग्रामीणो के अनुसार जमुना कोतमा क्षेत्र अंतर्गत आमाडांड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोहका में सामुदायिक विकास योजना के तहत नल जल योजना की शुरुआत की गई थी। जहां नलजल योजना के तहत पाइप लाइन के साथ-साथ ओवरहेड टंकी का भी निर्माण एसईसीएल द्वारा किया गया था। लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी नल जल योजना बंद है। इसे शुरूआती दिनों में आरम्भ किया, जो चंद माहों उपरांत बंद हो गया। ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में पानी की भारी किल्लत से जूझना पड़ता है। ग्रामीणों में कॉलरी के इस रवैये को लेकर कॉलरी प्रबंधन के प्रति नाराजगी बनी हुई है। हालंाकि ग्रामीणों द्वारा कई बार कालरी प्रबंधन से सुधार के लिए गुहार लगाई गई। लेकिन कार्य प्रशासन मरम्मत के लिए ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके कारण आज भी ग्रामीण कुंए के दूषित पानी का उपयोग कर गुजारा कर रहे हैं।