राजस्व न्यायालय में पांच हजार से अधिक प्रकरण पेंडिंग, अधिकारियों को 15 दिनों की मोहलत, नहीं तो होगी कार्रवाई
अनूपपुरPublished: Aug 06, 2021 11:51:35 am
राजस्व न्यायालयों के माध्यम से गरिमा और सम्मान अर्जित करें राजस्व अधिकारी- कमिश्नर


राजस्व न्यायालय में पांच हजार से अधिक प्रकरण पेंडिंग, अधिकारियों को 15 दिनों की मोहलत, नहीं तो होगी कार्रवाई
अनूपपुर। राजस्व न्यायालय अनूपपुर, जैतहरी और कोतमा में बड़ी संख्या में राजस्व प्रकरण लंबित रहने तथा लगभग 5035 प्रकरणों में सुनवाई के लिए पेशी नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए राजस्व अधिकारियों को 15 दिनों की अवधि में निराकरण के निर्देश दिए। साथ ही कहा निराकरण नहीं करने पर सख्त कार्रवाइ के लिए भी तैयार रहें। शहडोल संभाग कमिश्नर राजीव शर्मा ने ५ अगस्त को अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय में राजस्व सेवा अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान शहडोल संभाग के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण एक माह की समयावधि में करें। चेतावनी देते हुए कहा कि राजस्व न्यायालयों के निरीक्षण के दौरान राजस्व प्रकरण राजस्व न्यायालयों में लंबित पाए जाते हैं, तो संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा सभी राजस्व अधिकारी समय पर राजस्व न्यायालयों में और कार्यालयों में उपस्थित होकर किसानों की समस्याएं सुनें तथा उनके राजस्व प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के साथ करें। राजस्व न्यायालयों का सम्मान और गरिमा बनाए रखने के लिए राजस्व अधिकारी निर्धारित दिनोंं में अनिवार्य रूप से राजस्व न्यायालयों में बैठें तथा राजस्व संबंधित न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण कराएं। सभी राजस्व अधिकारी राजस्व न्यायालयों में उपस्थित रहकर कार्य करें और राजस्व न्यायालयों में अच्छा काम कर सम्मान अर्जित करें। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व न्यायालय का कार्य ईश्वरीय कार्य है। लोगों को समय पर न्याय मिलना चाहिए।
बॉक्स: अधिकारियों की उदासीनता में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
बैठक में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि संभाग में कहीं भी अतिक्रमण ना हो। नए अतिक्रमण होने की स्थिति में यह समझा जाएगा कि इसमें राजस्व अधिकारी की मूक सहमति है और संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजस्व अधिकारियों की उदासीनता के कारण शहडोल संभाग में बेशकीमती शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हुए है। उन्होंने कहा कि नए अतिक्रमण के मामलों में सख्ती से रोक लगाएं। डायवर्सन की वसूली की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि संभाग के प्रमुख मार्गों के किनारे कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान आवासों में संचालित हैं। व्यावसायिक प्रयोग में लिए जा रहे इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भी राजस्व अधिकारी जांच करें तथा व्यवसाय के दायरे में आने की स्थिति में ऐसे व्यावसायिक भवनों के मालिकों को नोटिस जारी कर उनसे डायवर्सन की राशि वसूली की कार्रवाई करें। सभी राजस्व अधिकारी सूचना तंत्र को सशक्त बनाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले घटनाओं की जानकारी राजस्व अधिकारियों को सबसे पहले होना चाहिए। इसके लिए सभी राजस्व अधिकारी अपने सूचना तंत्र को बेहतर बनाएं। वहीं अविवादित नामांतरण, डायवर्सन के प्रकरणों की भी समीक्षा की गई।
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