scriptअनदेखी में अस्तित्व खो रहा पौराणिक मेला | Mythological fair lost in unseen | Patrika News

अनदेखी में अस्तित्व खो रहा पौराणिक मेला

locationअनूपपुरPublished: Jan 14, 2018 05:25:51 pm

Submitted by:

brijesh sirmour

उबड़-खाबड़ गड्ढों के बीच नदी संगम पहुंचे श्रद्धालु

Mythological fair lost in unseen

Mythological fair lost in unseen

अनूपपुर. जिला मुख्यालय स्थित सोन-तिपान संगम स्थल पर मकर संक्रात के अवसर पर लगने वाली दो दिवसीय मेला प्रशासन व ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा में अव्यवस्थित बनी हुई है। मुख्य मार्ग से लेकर संगम स्थल पहुंच मार्ग उबड़-खाबड़ है। जबकि जंगली झाडिय़ों के बीच से गुजरी कच्ची सड़क पर रोशनी के इंतजाम के लिए बिजली व्यवस्था भी नदारद है। यहां तक कि मेला स्थली पर पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं के मूलभूत सुविधाओं के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण रविवार से आयोजित होने वाली संक्रात मेला स्थली पर अब भी वीरानी जैसा माहौल बना हुआ है। स्थानीय ग्रामवासियों के अनुसार रीवा रियासत के समय से यहां मेला का आयोजन होता आया है। यहां आयोजित होने वाले मेले में शामिल होने के लिए चिरमिरी, पेंड्रा, कोतमा, भालूमाड़ा, शहडोल, राजेन्द्रग्र्राम, रामपुर खांडा व आसपास के लगभग सैकड़ों गांव के लोग आते थे। मेला तीन दिन आयोजित होता था। लेकिन अब तो प्रशासकीय अनदेखी में यह शेष मात्र बच गया है।
लोगों की माने तो यहां तीन दिनों तक आयोजित मेले में भीड़भाड़ होती होती थी। सड़के अच्छी थी, दूर-दराज के व्यापारियों की दुकानें संजती थी, रामलीाल का मंचन होता था। सारी रात लोगों की निगाहें राम-लक्ष्मण-सीता और रावण के किरदार पर टिका होता था। लेकिन अब मंच के अवशेष ही बचे हैं। यहां कोई रामलीलाएं अब आयोजित नहीं होती। दुकानें भी नाममात्र की लग रही है। वहीं मेले में आने वाले लोगों को पूर्व की भांति सुरक्षा की कमी महसूस होती है। जिसके कारण दूर-दराज से आने वाले व्यापारियों ने मेले से दूरी बना ली। वहीं ग्राम पंचायत के नाम पर बैठकी में अधिक की राशि वसूली कर अन्य स्थानीय व्यापारियों को दूर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सोन-तिपान संगम तट पर आयोजित होने वाला दो दिवसीय संक्रात मेला ग्राम पंचायत बरबसपुर के भरोसे आयोजित हो रहा है। वहीं प्रशासन ने प्रशासकीय प्रावधानों में मेला आयोजन के लिए बजट की व्यवस्था नहीं होने की बात कर जिम्मेदारी ग्राम पंचायत में लाद दी है।
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