अनूपपुर

विशेष बैठक के बाद होगी नर्मदा सरोवर की सफाई, अधिकारियों पर तय होगी जिम्मेदारी

एनजीटी व दिया तथा सिया के नियमों के अनुसार सफाई की योजना, कम समय में अधिक कार्य की होगी रणनीति

अनूपपुरFeb 24, 2021 / 11:48 am

Rajan Kumar Gupta

विशेष बैठक के बाद होगी नर्मदा सरोवर की सफाई, अधिकारियों पर तय होगी जिम्मेदारी

अनूपपुर। जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक में नर्मदा की बदहाली और सूखती जलधारा के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश में कलेक्टर ने रामघाट, गायत्री और सावित्री सरोवर की सफाई की योजना बनाई है। इसके लिए अब विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न विभागों के तकनीकि और विभाग प्रमुख अधिकारियों को सफाई की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिसमें कम से कम समय में अधिक से अधिक सफाई की रणनीति को शामिल किया जाएगा। साथ ही पर्यावरणीय नियमों के अनुसार करने पर भी कार्ययोजना बनेगी। इससे पूर्व सरोवर की सफाई की जिम्मेदारी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग अनूपपुर को सौंपा जाना तय था। लेकिन अब प्रशासन ने कार्यो की पारदर्शिता और नियमों के अनुसार सफाई को देखते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है। एसडीएम पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में ही नर्मदा के रामघाट, गायत्री और सावित्री सरोवर की सफाई का कार्य कराया जाना है। ताकि मानसून से पूर्व पर्यावरण नियमों के अनुसार विभिन्न सरोवर स्थलों की सफाई कर नर्मदा जल से भरा जा सके। रामघाट, गायत्री और सावित्री सरोवर की सफाई के लिए प्रशासन ने ५.४५ करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया है। इसके लिए किसी एक विशेष विभाग को कार्य नहीं दिया जाएगा। अधिक से अधिक तकनीकि और जिम्मेदार विभागों को ही इसमें शामिल किया जाएगा। कलेक्टर ने भी इस कार्य के लिए कम समय निर्धारित किए हैं। सम्भावना है कि एकाध दिनों में कलेक्टर की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें नियमों के पालन, किन किन विभागों को सम्मिलित करना, कितने समय में सफाई कार्य पूर्ण, कार्यो की पारदर्शिता को शामिल किया जाएगा। जल संसाधन विभाग, राजस्व विभाग के अलावा अन्य विभागों का भी चयन कलेक्टर द्वारा ही किया जाना है।
बॉक्स: अमरकंटक हल्के का होगा सीमांकन, लगेंगे निशान
अमरकंटक में पक्के निर्माणों की बढ़ती तादाद और तटों की ओर बढ़ते अतिक्रमण पर भी कार्ययोजना बनाई गई है। जिसमें अब राजस्व विभाग द्वारा अमरकंटक हल्के का सर्वे कार्य कराया जाएगा। साथ ही सीमा चिन्ह लगाए जाएंगे। जिसमें अन्दर पक्का निर्माण कार्य नहीं कराए जा सकेंगे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भी नर्मदा रामघाट पर हुए पक्के निर्माण और नगर की दूषित जल को नर्मदा में मिलने पर नाराजगी जताते हुए तत्कालीन अधिकारियों के कार्यशैली पर आपत्ति व्यक्त की थी और कहा था कि तत्कालीन अधिकारियों ने किस आधार पर पक्के निर्माण की अनुमति दी।
बॉक्स: पत्रिका की खबर पर जागा प्रशासन
पत्रिका द्वारा नर्मदा की बदहाली और सूखते जलधारा पर लगातार खबर प्रकाशित किया था, जिसपर २२ फरवरी को कलेक्टर ने समय सीमा की बैठक में खबरों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को पवित्र नगरी अमरकंटक में रामघाट, गायत्री एवं सावित्री सरोवर में सफाई कार्य जल्द शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए मशीनें लगा दें। काम में लगने वाली मशीनों, डम्पर एवं डीजल के अलग-अलग कोटेशन बुलवाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा यह कार्य किसी भी हालत में मानसून के पहले समाप्त हो जाए।
वर्सन:
अभी किसी भी विभाग को आदेश जारी नहीं हुए हैं। कलेक्टर द्वारा विशेष बैठक बुलाई गई है, जिसमें अलग अलग विभाग प्रमुखों को कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कम समय में नियमों के अनुसार कार्य पूरा किया जाना है।
अभिषेक चौधरी, एसडीएम पुष्पराजगढ़ अनूपपुर।
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