वीडियो फुटेज अस्पष्ट नजर आती है
इसका मुख्य कारण कैमरे की वीडियों को स्टॉरेज के लिए कम डेफ्ट की पोजिशन तैयार करना माना जाता है। हालंाकि पुलिस वीडियो फुटेज की अस्पष्ट तस्वीर तथा आदतन अपराधियों की बनी रिकार्ड से तस्वीर के मिलान कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रहीं है। लेकिन इनमें पुलिस अधिकारियों को विवेचनाओं में अधिक समय गुजारना पड़ता है। वहीं कोतवाली थाना में पुलिसबल की कमी के कारण प्रत्येक चौराहों, संवदेनशील और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जवानों को उपलब्ध कराने में असमर्थ हो रही है। जिसके कारण मुख्यालय में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस हालाकान है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पीएचक्यू से जितनी भी सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध हुए हैं, इनमें इस प्रकार की तकनीकि खामियां सामने आ रही है, जिसमें कैमरे में कैद घटना की वीडियो फुटेज अस्पष्ट नजर आती है। विदित हो कि वर्ष 2017-18 में जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक-चौराहों व अन्य स्थानों पर लगभग 67 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिसमेें वर्तमान में लगभग 48 कैमरे चालू हालत में। शेष 29 कैमरे बंद हैं।
पुलिस आपराधिक गतिविधियों से अंजान बनी हुई है
यह सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ नगर के बाजार हिस्से में बनी है। जबकि रेलवे फाटक के दूसरे हिस्से अमरकंटक-जैतहरी मार्ग पर निर्माणाधीन सड़क के कारण कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। पुलिस इस इलाके के आपराधिक गतिविधियों से अंजान बनी हुई है। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में लगाए गए सभी सीसीटीवी कैमरे हाई डेनसिटी क्षमता वाले हैं। यह रात के समय बेहतर रिनिंग मोड में वर्क करती है। इससे तत्काल रनिंग मोड में बेहतर क्वालिटी की तस्वीरें बनाती है। लेकिन जैसे ही डाउनलोड कर किसी अपराध की जांच विवेचना की जाती है तो डाउनलोड की तस्वीरों में अस्पष्टता हावी हो जाता है। अगर उन वीडियो फुटेज को जूम करने का भी प्रयास किया जाता है तो तस्वीरें फटकर और अस्पष्ट हो जाती है।
कैसे होगी अपराधियों की पहचान
जिला मुख्यालय अनूपपुर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे के साथ स्थापित कंट्रोल रूप में दिनरात नगर की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर निगरानी की जाती है। लेकिन 29 सीसीटीवी खराबी के साथ अमरकंटक तिराहा से तुलसी महाविद्यालय के बीच कोई भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने के कारण यहां अपराधियों की पहचान नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि 8 जुलाई को शांतिनगर में हुई दोहरी हत्याकांड में सभी आठ आरोपी निर्मम हत्या कर मौके से फरार हो गए। जबकि 19 जुलाई की सुबह 3 बजे पुलिस कॉलोनी में आधा दर्जन नकाबपोश बदमाशों ने आरक्षक के घर को निशाना बनाते हुए अन्य आरक्षक की पिटाई कर पैर तोड़ डाले।