नींव अब तक खड़ा नहीं हो सका है
बावजूद प्रशासनिक स्तर पर वर्ष 2014 में सीएमएचओ कार्यालय के पास आवंटित कराई गई 10 हजार वर्गफीट जमीन और वर्ष 2017-18 में शासन द्वारा उपलब्ध 92 लाख की राशि के बाद भी जिला आयुष कार्यालय की द्विमंजिली भवन की नींव अब तक खड़ा नहीं हो सका है। एजेंसी के रूप में शासन ने पीआईयू को भवन निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसमें आयुष विभाग को शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए 92 लाख की राशि अब पीआईयू के खाते में ब्याज बढ़ा रही है। जबकि शासन द्वारा आवंटित की गई राशियों से भवन निर्माण कर आयुष विभाग अनूपपुर को मार्च 2019 में भवन सौंपा जाना था। लेकिन निर्माण कार्य समाप्ति की निर्धारित समय सीमा के चार माह बाद भी न तो भवन निर्माण सम्बंधित प्रक्रियाएं अपनाई जा सकी है और ना ही भवन को खड़ा करने की पहल की गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में जिला मुख्यालय नगरीय क्षेत्र अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 8 में संचालित आयुष विभाग की औषधालय केन्द्र को बंद कर जिला आयुष कार्यालय को आरम्भ किया गया था।
दवाईयों के भंडारण की नहीं है जगह
जिसके बाद वर्ष 2010 में केन्द्रीयकृत योजना के तहत एक ही छत के नीचे हैम्योपैथ और एलोपैथ जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्यनीति तैयार की गई। इस योजना में अनूपपुर में वर्ष 2016 में जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में आयुष विंग के रूप में एक कमरा आवंटित कराते हुए सेवाएं बहाल की गई। लेकिन यहां मरीजों के साथ साथ कर्मचारियों तक के बैठने व दवाईयों के भंडारण की जगह नहीं मिली। जिसपर आयुष विभाग द्वारा अलग भवन की मांग की, जहां तत्कालीन कलेक्टर नंद कुमारम् ने अनूपपुर-अमरकंटक मार्ग के चंदास नदी स्थित सीएमएचओ कार्यालय के पास 10 हजार वर्ग फीट जमीन आवंटित कराई थी। जमीन आवंटन के बाद आयुष विभाग के द्वितलीय भवन प्रस्ताव पर शासन ने वर्ष 2017-2018 में 92 लाख रूपए का आवंटन कराई। प्रस्तावों के आधार पर भवन का निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए मार्च 2019 तक विभाग को सुपुर्द किया जाना निर्धारित किया गया था। लेकिन आश्चर्य पीआईयू विभाग ने आवंटित राशि के बाद भी भवन निर्माण की सुधी नहीं ली।
औषधालय केन्द्र को बंद कर जिला आयुष कार्यालय संचालन में अब विभाग दवाईयों के भंडारण क समस्या से जूझ रहा है। शासन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले दवाईयों के भंडारण के लिए कार्यालय में स्टोर या अतिरिक्त कक्ष तक नहीं है। जिसके कारण दवाईयां बरामदों या बाहर के अन्य कक्षों में स्टोर की जाती है। इसमें विभाग को दवाईयों के चोरी होने या खराब होने का खतरा बना रहता है। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि विभागीय दस्तावेजों व कार्यो के लिए पूर्व से ही कम पड़ रही थी। जिला प्रशासन को भी जानकारी दी गई, लेकिन कोई पहल नहीं हुई।
बिना जमीन कैसे होगी विंग स्थापना
जिला अस्पताल में आयुष विभाग को पर्याप्त स्थान नहीं मिलने पर आयुष विंग की ओर से 40 लाख रूपए का आवंटन कराते हुए अस्पताल परिसर में विंग स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पूर्व से जमीनी समस्या से जूझ रहा जिला अस्पताल आयुष विभाग को कहां से जमीन दें। जमीन नहीं मिलने के कारण यहां भी आयुष विंग निर्माण की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी है। जिला आयुष कार्यालय के राजेन्द्र सिंह ने कहा कि शासन द्वारा 92 लाख रूपए का आवंटन कराया गया है। सीएमएचओ कार्यालय के पास जिला प्रशासन ने 10 हजार वर्गफीट जमीन उपलब्ध कराई है। लेकिन डेढ साल से भवन निर्माण का कार्य नहीं हो सका है।