नालियां जाम भरी पड़ी हैं
जबकि खुद नगरपालिका सफाई कर्मचारी सड़क की सफाई के उपरांत उसके कचरे को नालों में डम्प करा रहे हैं। जिसके कारण नालियां जाम भरी पड़ी है। नगरपालिका सिर्फ कागजी खानापूर्ति में सिर्फ दिशा-निर्देश जारी करती है। जिसके क्रियान्वयन के अभाव योजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और नगर का विकास अवरूद्ध हो जाता है। जबकि अब मानसून का सीजन आ चुका है, गंदगी के कारण संक्रमण फैलने का डर बना रहेगा।
आज तक अमल नहीं हो सका है
इससे पूर्व भी नगरपालिका ने डिस्प्ले के माध्यम से गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ 250 रुपए जुर्माना करने के फरमान जारी कर चुकी है। लेकिन अमल आजतक नहीं हो सका है। विदित हो कि स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ठोस अवशिष्ट प्रबंधक नियमावली 2016 एवं संशोधित अध्यादेश 2017 के अंतर्गत निकाय सीमा में गंदगी फैलाने पर मई 2019 में स्थानीय व्यापारियों व होटल संचालकों की बैठक आयोजित करते हुए नगरपालिका ने अर्थदंड ऑन स्पॉट फाइन करने की योजना बनाई गई थी। इसमें विभिन्न स्थानों के लिए अलग अलग जुर्माने का प्रावधान करते हुए 100 से 500 रूपए तक के दंड दिए गए है।