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जिले के इस वेयरहाउस में लावारिश पड़ी है धान, अधिकारियों को नहीं भंडारण की जानकारी

locationअनूपपुरPublished: May 20, 2022 09:46:29 am

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

लीलाटोला से खरीदी कर भेजी गई धान हुई रिजेक्ट, चार माह से दर्जनभर किसान भुगतान का कर रहे इंतजार

Paddy is lying unclaimed in this warehouse of the district, officials

जिले के इस वेयरहाउस में लावारिश पड़ी है धान, अधिकारियों को नहीं भंडारण की जानकारी

अनूपपुर। अमानक खाद्यान्न प्रकरणों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली सजहा वेयरहाउस रिजेक्ट धान के लिए भी सुरक्षित स्थली बन गई है। वर्ष २०२१-२२ के लिए समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी की गई धान में लगभग ८० क्विंटल धान(लगभग १९८ बोरी) लावारिश हालत में परिसर में पड़ी है। जिसकी जानकारी न तो जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी को है और ना ही जिला नागरिक आपूर्ति विभाग को ही इसकी भनक है। वहीं जिस सोसायटी से धान खरीदी कर भंडारण के लिए भेजी गई थी, वहां किसानों के भुगतान नहीं होने पर सम्बंधित सोसायटी प्रबंधक ने भी जांच पड़ताल की औचित्यता नहीं समझी। जिसके कारण धान खरीदी समाप्त हुए चार माह बीत चुके हैं, वेयरहाउस से न तो धान सोसायटी वापस लौटी और ना ही किसानों का भुगतान हो सका। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही में अब भी किसान अपनी बेची धान के एवज में आने वाली राशि का इंतजार कर रहे हैं।
बताया जाता है कि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर जिले के ३० उपार्जन केन्द्रों पर २९ नवम्बर से २० जनवरी तक धान उपार्जन किया गया था। जिसमें सोसायटियों से जंाच पड़ताल उपरांत धान गोदामों में भंडारित किए जाने भेजे गए थे। इसमें लीलाटोला सोसायटी से भी धान की खरीदी कर सजहा वेयरहाउस में भंडारण के लिए भेजा गया था। लेकिन यहां जांच पड़ताल में लीलाटोला सोसायटी की लगभग १९८ बोरी(७९.२ क्विंटल) धान रिजेक्ट कर दी गई। आश्चर्य की बात यह कि सजहा वेयरहाउस ने इसकी सूचना लीलाटोला सोसायटी को देते हुए धान उठाव कर वापस ले जाने की बात कही। लेकिन सोसायटी प्रबंधक ने रिजेक्ट धान का उठाव तक नहीं कराया और ना ही अपग्रेडेशन की प्रक्रिया पूरी कर पुन: उसका भंडारण कराया।
चार माह से लावारिश हालत में पड़ी है धान
पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई कि सजहा वेयरहाउस में लावारिश हालत में पड़ी ८० क्विंटल धान के रिजेक्ट होने की भनक विभागीय अधिकारियों को तक नहीं लगी है। १९ मई को आनन फानन में अधिकारियों ने पूछताछ कर यह बताया कि ये रिजेक्ट किए गए धान है। लेकिन उनका भुगतान या भंडारण कब, कैसे कराया जाएगा, कोई जवाब नहीं दे पाए। जिला खाद्य आपूर्ति विभाग ने बताया कि लीलाटोला से खरीदी कर भंडारण करने भेजी गई धान की लॉट में लगभग १०-११ किसानों की लगभग ७९.२ क्विंटल धान रिजेक्ट हुई है। समर्थन मूल्य की दर से लगभग १ लाख ५३ हजार २६० रुपए की है। जिसका भुगतान किसानों को अब तक नहीं हुआ है।
सोसायटी ने नहीं किया उठाव, दर्जनभर किसान भुगतान का कर रहे इंतजार
इस सम्बंध में जिला नागरिक आपूर्ति विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं की है। न तो धान का उठाव कराया है और ना ही सोसायटी प्रबंधक को दी जाने वाली कमीशन की राशि में कटौती की है। जिसके कारण किसानों के खाते में अब तक कोई भुगतान नहीं हो पाया है। जानकारों का कहना है कि सोसायटी से चालान के बाद गोदाम में भंडारण पर स्वीकृति प्रत्रक प्रदान किए जाते हैं। लेकिन इससे पूर्व धान रिजेक्ट हुआ तो सोसायटी प्रबंधक को इसका उठाव करते हुए अपग्रेडेशन कराते हुए पुन: भंडारण कराया जाना था। इसमें किसानों को अधिक नुकसान होगा। वहीं जिले में निर्धारित तिथि उपरांत सोसायटी में हुई धान की खरीदी में लगभग ७९ किसानों का भुगतान अटका पड़ा है। विभाग का कहना है कि अब लगभग दर्जन भर किसान शेष भुगतान के लिए बचे हैं। लेकिन इसके लिए भी जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के पत्राचार के बाद नान ने भुगतान की कार्रवाई की है।
वर्सन:
लीलाटोला सोसायटी के लगभग दर्जनभर किसानों का भुगतान नहीं होने की जानकारी है। धान रिजेक्ट के सम्बंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। सजहा वेयरहाउस क्षेत्र मेरे क्षेत्र में नहीं आता है।
कुंजन सिंह, जेएसओ पुष्पराजगढ़।
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