अनूपपुर। कोतमा वनपरिक्षेत्र के महानीम कुंडी के जंगलों में डेरा जमाए हाथियों के झुंड ने 13 अक्टूबर की शाम 5.30 बजे मलगा बीट के दर्रीटोला के अंदर जंगल से झिरियाटोला- मरवाही मुख्य मार्ग को पार करते हुए आमाडांड ओसीएम होते हुए कोहका गांव पहुंचे। जहां दर्जनों किसानों के खेतों में लगी फसल को आहार बनाते हुए नुकसान पहुंचाया। वहीं रात भर गांव के खेतों में विचरण करने के बाद सुबह वापस टांकी की महानीम कुंडी के जंगल में वापसी की। हालंाकि इस दौरान हाथियों के झुंड ने किसी घर या जनहानि नहीं पहुंचाई। वनविभाग अधिकारियों के अनुसार हाथी वैसे २४-२५ किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, लेकिन सामान्य दिनों में वह १२-१३ किलोमीटर की दूरी में आहार की तालश में विचरण करते हुए वापस लौट आते हैं। यहीं कारण है कि नवजात बच्चे के बाद ४२ हाथियों के झुंड में आधे से अधिक हाथी रोजाना बैगानटोला, पावटोला, गुल्लूटोला, मलगा, सैतिनचुआ सहित आसपास के गांवों का रूख करते है और गांवों के मकानों के साथ फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं अब हाथियों के मुख्य मार्ग को पार कर आमाडांड सहित कोहका जैसे गांवों का रूख किया है, जिसके कारण यहां के किसानों व ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। जिसे लेकर वनविभाग अमला ने गांवों का भ्रमण कर किसानों व ग्रामीणों से सतर्कता बरतने के साथ हाथियों के आने की सूचना विभाग को देने की अपील की है। [typography_font:18pt;” >————————————————————