कुपोषण के खिलाफ कागजी जंग: अनूपपुर में 10 हजार कुपोषित और 770 अतिकुपोषित मासूम
अनूपपुरPublished: May 04, 2019 12:25:05 pm
रजिस्टरों में कुपोषण से निजात का खेल, खाली पोषण पुर्नवास केन्द्र बयां कर रही हकीकत
कुपोषण के खिलाफ कागजी जंग: अनूपपुर में 10 हजार कुपोषित और 770 अतिकुपोषित मासूम
अनूपपुर। आदिवासी जिला अनूपपुर में कुपोषण के खिलाफ जंग में विभागीय सफेद कागजी घोड़े हावी है, जहां कुपोषित बच्चों के दर्ज आंकड़ों में कुपोषण से निजात दिलाने गुणा-भाग का खेल खेला जा रहा है। लेकिन इनके सुधार के लिए जिले के चारों विकासखंड में बनाए गए एनआरसी केन्द्र के निर्धारित सीटों में खालीपन उनकी कथनी और करनी का हकीकत बयां कर रही है। जिले में जन्म लेने वाले अधिकांश बच्चे मां के पेट से ही कुपोषित पैदा हो रहे हैं, जो जन्म के चंद दिनों बाद या तो असामायिक मौत के मुंह मे समा जाते हैं या फिर कुपोषण की चपेट में आ रहे हैं। जिले में १० हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण का दंश झेल रहे हैं। इनमें ७७० ऐसे अतिकुपोषित मासूम है, जिनपर हर वक्त मौत का साया मंडरा रहा है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता का अभाव माना गया है। क्षेत्र में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता व एएनएम सदस्य भी कार्य की जगह बिना जांच परीक्षण और चिह्नित किए गलत जानकारी विभाग को पेश कर रही है। परिणामस्वरूप अनूपपुर जिले में लगभग १०३९१ बच्चे कुपोषित की श्रेणी में शामिल हैं। इनमें ७७० ऐसे बच्चें है जो अतिकुपोषित की श्रेणी में शामिल है। इनमें पुष्पराजगढ़ सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों खासकर महिला बाल विकास विभाग अमला की नजर ऐसे क्षेत्रों पर बिल्कुल आंखें मुंंदी हुई है। आंकड़ों में देखा जाए तो अनूपपुर में कुपोषित बच्चों (कम वजन)की संख्या २२६५, जैतहरी २४५८, कोतमा १४८७ तथा पुष्पराजगढ़ ४१९१ हैं। जबकि अतिकुपोषित बच्चों (अति कम)में अनूपपुर विकासखंड में २०९ बच्चे, जैतहरी में १२२ बच्चे, कोतमा में ११६ बच्चे, तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड में ३२३ बच्चे सहित कुल ७७० बच्चे हैं। इनमें ४४० बालिका तथा ३३० बालक शामिल हैं। ये बच्चे एनआरसी तक भी नहीं पहुंचे हैं। इन्हें एनआरसी में भर्ती कर इलाज मिलना बेहद जरूरी है।
बॉक्स: एनआरसी में न्यून सीट, यहां भी बच्चे कम
विस. सीट भर्ती कम
अनूपपुर २० २० ००
जैतहरी १० ०६ ०४
कोतमा १० ०७ ०३
राजेन्द्रग्राम २० १९ ०१
करपा १० १० ००