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कूटरचित दस्तावेज बनाकर शासकीय जमीन को दूसरे के नाम पट्टा बनाने वाले पटवारी की जमानत खारिज

locationअनूपपुरPublished: Sep 27, 2020 07:13:37 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

लहसुई गांव का खसरा को कोतमा क्षेत्र का दर्शा कर निजी व्यक्ति के नाम चढ़ाने का मामला

Patwari, who leased government land to another by making misleading do

कूटरचित दस्तावेज बनाकर शासकीय जमीन को दूसरे के नाम पट्टा बनाने वाले पटवारी की जमानत खारिज

अनूपपुर। शासकीय जमीन को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर दूसरे व्यक्ति के नाम करने वाले तत्कालीन पटवारी एसके सर्राटे की जमानत याचिका को न्यायाधीश रविन्द्र कुमार शर्मा ने खारिज कर दी है। मीडिया प्रभारी राकेश पांडेय ने बताया की मामला थाना कोतमा क्षेत्र का है। आरोपी के खिलाफ थाने में अपराध दर्ज है। जिसमें आरोपी द्वारा फर्जी ऋण पुस्तिका व नक्शा टे्रस व खसरा की कूटरचना कर अन्य लोगों के साथ षडयंत्र कर शायकीय भूमि को बेच दिया था। जबकि यह जमीन गा्रम लहसुई का खसरा क्रमांक 408 की थी, जिसे ग्राम कोतमा का दर्शा कर को निजी व्यक्ति के नाम चढा दिया था। जिसे गोविंद प्रजापति द्वारा इस मामले के फरियादी प्रमोद जैन को विक्रय कर दिया था। इसके संबंध में प्रमोद जैन द्वारा परिवाद न्यायालय में दायर किया गया था तब न्यायालय द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने थाना कोतमा को आदेशित किया था। विवेचना की जा रही थी, जिससे बचने के लिए आरोपी एसके सर्राटे द्वारा आवेदन उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत किया था, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा प्रार्थी के निवेदन पर आवेदन वापस लेने तथा सत्र न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने पर आवेदन प्रस्तुत होने पर शीघ्र निराकरण करने का आदेश एमसीआरसी में पारित किया था। इस बीच आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए अपराध को गंभीर बताया और शासकीय भूमि को शासकीय कर्मचारी होते हुए दूसरे किसी निजी व्यक्ति के नाम चढा देना व षडयंत्र में शामिल होकर कूटरचना जैसा गंभीर अपराध किया है।
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