अनूपपुर। कोतमा जनपद पंचायत के पिपरिया गांव में निर्माणाधीन पिपरिया बांध आगामी वर्ष रबी की फसल के दौरान किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी। वर्ष २०१७ से निर्माणाधीन बांध दो साल विलम्ब से अब तैयार होने की कगार पर पहुंच गया है। इस पिपरिया जलाशय के निर्माण होने से आसपास के आधा दर्जन गांव लाभांवित होंगे। इससे किसानों का लगभग ८४० हेक्टेयर भूमि सिंचित होगा। इनमें बेलियाबड़ी, पिपरिया, धुम्मा, सकोला, जोगीटोला, दैवगंवा गांव को रबी के दौरान सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। एसडीओ जलसंसाधन विभाग कोतमा जीवनलाल नंदा ने बताया कि कोतमा जनपद में १० जलाशयों में पिपरिया जलाशय स्थानीय किसानों की मांग में महत्वपूर्ण जलाशय है। जलसंरक्षण और सिंचाई के लिए पिपरिया जलाशय में लगभग ४.६७६ एमसीएल क्षमता पानी का भंडारण होगा। यह बांध लगभग १६८ हेक्टेयर में तैयार किया गया है। इस जलाशय से एलबीसी और आरबीसी दो कैनाल लगभग ९ किलोमीटर लम्बी बनाई जा रही है जो आसपास के खेतों की सिंचाई के लिए होगी। जलाशय निर्माण की कुल लागत २६२४.६५ लाख निर्धारित की गई है जिसमें टेंडर लागत १०४४ लाख है। जलाशय के बांध की लम्बाई १७१० मीटर तथा उंचाई लगभग १५.४५ मीटर है। इस जलाशय के कार्य पूर्ण होने की अवधि २०२० तक थी, लेकिन वर्ष २०१९ में जलाशय के बांध के हिस्से के बह जाने के कारण यह विलम्ब हो गया। दरअसल दो साल पूर्व २०१९ में निर्माणाधीन पिपरिया बांध का एक हिस्सा बारिश के दौरान जलभराव से बह गया था। जिसे लेकर विभागीय अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी। जिसके बाद विभाग ने इसे गम्भीरता से लेते बांध निर्माण में गति लाई है।बॉक्स: बह गए थे सैकड़ो एकड़ की फसलबेलियाबड़ी पिपरिया जलाशय जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। यह बांध ९ जुलाई की सुबह अचानक अधिक पानी के भराव में टूट गया था। इस बहाव में पिपरिया सहित जोगीटोला, बेलियाबड़ी, दैवगंवा के सैकड़ो एकड़ की फसल डूब गई थी। बांध का लगभग १५-२० फीट का एक हिस्सा उपर से नीचे तक पूरी तरह धराशायी होकर पानी के साथ बह गया था। इस घटना पर शासन ने जलसंसाधन विभाग की लापरवाही मानते हुए विभागीय कार्यपालन यंत्री सहित, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी और उपयंत्री को निलम्बित कर दिया था। बताया जाता है कि बांध के बहने के बाद ठेकेदार ने यहां काम लगभग बंद कर दिया था। बांध के टूटने को लेकर जहां जलसंसाधन विभाग ने बांध के टूटने में स्थानीय ग्रामीणों पर तोडऩे का आरोप मढा था। वहीं बाद में जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की जांच के बाद विभाग को पुन: कार्य आरम्भ करवाते हुए बांध को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान लगभग एक माह तक बांध का कार्य बंद रहा। वर्सन: बांध निर्माण तेजी के साथ पूर्ण कराया जा रहा है। किसानों को आगामी रबी की फसल के दौरान सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा।जीवनलाल नंदा, एसडीओ जलसंसाधन विभाग कोतमा।[typography_font:18pt;” >——————————-