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मलेरिया से लडऩे की तैयारी: जिले में 24 हजार मलेरियारोधी मच्छरदानी का होगा वितरण, सबसे अधिक पुष्पराजगढ़ खंड के गांव है शामिल

locationअनूपपुरPublished: Feb 16, 2019 09:07:43 pm

Submitted by:

shivmangal singh

मलेरिया से लडऩे की तैयारी: जिले में 24 हजार मलेरियारोधी मच्छरदानी का होगा वितरण, सबसे अधिक पुष्पराजगढ़ खंड के गांव है शामिल

Preparation to fight malaria: Distribution of 24 thousand malaria-resi

मलेरिया से लडऩे की तैयारी: जिले में 24 हजार मलेरियारोधी मच्छरदानी का होगा वितरण, सबसे अधिक पुष्पराजगढ़ खंड के गांव है शामिल

फेज स्तर पर 2030 तक चलेगी योजना, वर्ष 2015 के आधार पर वर्तमान मच्छरदानियों का हुआ है आवंटन
अनूपपुर। आगामी वर्ष 2030 तक देश को मलेरिया उन्मूलन युक्त बनाने केन्द्र सरकार की योजना में अनूपपुर जिले में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया से लडऩे की तैयारी आरम्भ कर दी गई है। जिसमें गांवों व नगरीय क्षेत्र में वियतनाम से विशेष धागों में तैयार मलेरियारोधी मच्छरदानी का वितरण किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को जिला मुख्यालय अनूपपुर स्थित स्वसहायता भवन से हितग्राहियों को मच्छरदानी वितरित कर योजना का शुभारम्भ किया। अनूपपुर नगरपालिका में 11 हजार 850 मच्छरदानी का वितरण किया जाएगा, जिसे स्वास्थ्य अमला घर-घर दस्तक देकर परिवार की जरूरतों के अनुसार मच्छरदानी उपलब्ध कराएगी। स्वास्थ्य विभाग अमला१६ फरवरी से आगामी २८ फरवरी तक जिले के लिए आवंटित हुई 24500 मलेरियारोधी मच्छरदानी का वितरण करगी। यह मच्छरदानी जिले के चारों विकासखंडों में बांटी जाएगी। सीएमएचओ अनूपपुर डॉ. आरपी श्रीवास्तव का कहना है कि यह मच्छरदानी विशेष धागों से निर्मित की गई है। जिसमें हितग्राहियों के परिवारों के आधार पर उनका साईज तैयार किया गया है, ताकि जरूरत के अनुसार मलेरियारोधी मच्छरदानी का उपयोग किया जा सके। यह मलेरियारोधी मच्छरदानी सामान्य मच्छरों के साथ साथ मलेरिया प्रभावित मच्छरों के लिए अभिश्राप बनेगी। उनके अनुसार मच्छरदानी पर बैठा कोई भी मच्छर दो-तीन दिनों में मच्छर स्वत: ही विकलांग होकर मर जाएगा। जिसमें धीरे-धीरे मच्छरों की तादाद कम होती जाएगी और इससे मलेरिया के प्रभाव को कम करने के साथ साथ लोगों को मलेरिया से मुक्ति दिलाने में पहल कर सकेंगे। हालंाकि सीएमएचओ के अनुसार यह आवंटन वर्ष २०१५ के आधार पर चयनित गांवों के लिए हुआ है। लेकिन शासन के पास वर्ष २०१६ और २०१८ के चयनित गांवों की सूची भी भेजी जा चुकी है। जहां आवंटनों के आधार पर वर्तमान मच्छर प्राप्त गांवों को छोडक़र अन्य गांवों में वितरण का कार्य किया जाएगा। जानकारी के अनुसार वर्तमान आवंटन में जिले के चारों विकासखंड अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा और पुष्पराजगढ़ के १०१ सब सेंटर में यह वितरण किया जा रहा है। जिसमें अनूपपुर के ३८ सब सेंटर में ८३ हजार ४५० मच्छरदानी, जैतहरी के ९ सब सेंटर में २९ हजार ५५० मच्छरदानी, कोतमा के ७ सब सेंटर में १९ हजार १०० मच्छरदानी तथा पुष्पराजगढ़ के ४७ सब सेंटर में १ लाख ०९ हजार ४०० मच्छरदानी शामिल हैं। सीएमएचओ कार्यालय के अनुसार वर्ष २०१५ में शासन के निर्देश में १ हजार आबादी वाले क्षेत्र में किसी भी एक व्यक्ति के मलेरिया पॉजीटिव पाए जाने पर उस गांव को मलेरिया प्रभावित क्षेत्र मानते हुए वहां मच्छरदानी उपलब्धता कराई जाए। उल्लेखनीय है कि उस दौरान पुष्पराजगढ़ मलेरिया प्रभावित सर्वाधिक क्षेत्र था, जहां २६९ गांवों वाली पुष्पराजगढ़ विकासखंड के २१६ गांव मलेरिया से प्रभावित थे। इसके बाद अनूपपुर सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र था, जहां ९० गांव मलेरिया से प्रभावित पाया गया था।
बॉक्स: २० धुलाई या ३ साल प्रभावित रहेगी मच्छरदानी
सीएमएचओ के अनुसार यह विशेष कैमिकल्स से तैयार मच्छरदानी २० धुलाई या ३ सालों तक मच्छरों से लडऩे प्रभावित रहेगी। इस दौरान कोई भी मच्छर बैठेगा उसकी मौत सम्भावी है। इन तीन सालों के दरमियां आसपास की गांव भी चयन सूची में शामिल हो जाएगी तो मच्छरदानी की उपयोगिता मलेरिया उन्मूलन में कारगर साबित होगा।
वर्सन:
आज से यह विशेष मच्छरदानी का वितरण आरम्भ किया गया है, जिलेभर में २४ हजार मच्छरदानी का वितरण किया जाना है। विकासखंड में मच्छरदानी भेज दी गई है, जहां २८ तक वितरित कर दिया जाएगा।
डॉ. आरपी श्रीवास्तव, सीएमएचओ अनूपपुर।

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