अनूपपुर। ग्रामीण अंचलों में सिंचाई व्यवस्था और जल सरंक्षण के लिए छोटे-छोटे नदी-नालों के उपर बनाए गए स्टॉप डैम से बारिश के उपरांत व्यर्थ बहने वाले पानी को अब रोककर रबी की फसलों को लाभ पहुंचाया जाएगा। अनुमान है कि जिले के चारो विकासखंड अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा और पुष्पराजगढ़ में बने नए-पुराने सभी स्टॉप डैम और चेक डैम के पानी को रोक दिया जाए तो कई सैकड़ा हेक्टेयर रबी के रकबे को सिंचित कर किसानों को लाभ पहुंचाया जा सकता है और आगामी गर्मी के दिनों के लिए कुछ हद तक जल संरक्षण कर मवेशियों व आम ग्रामीणों के निस्तार के लिए जल उपयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए जिला पंचायत आरईएस विभाग द्वारा जिले के चारो विकासखंड से ३६० स्टॉप डैम और २० चैक डैम का चयन कर उनके जल संरक्षण का कार्य आरम्भ किया है, जिसमें विभाग द्वारा अब तक २८६ स्टॉप डैम और चेक डैम के उपर कड़ी-शटर और बोरी बंधान कर जल रोक दिया है। विभाग का कहना है कि प्रारम्भिक स्तर पर अभी चारो विकासखंड के चयनित ३६० स्टॅाप डैम और चेक डैम के २८६ स्थानों पर बंधान कर लगभग ४-५ लाख घनमीटर पानी को व्यर्थ होने से रोक दिया गया है। वहीं विभाग अब जिले के लगभग २५०-३०० ऐसे नालों को भी चयनित कर बोरीबंधान के माध्यम से जल रोकने की व्यवस्था में जुड़ी है, जिनके रास्ते अधिक मात्रा में पानी बहकर बर्बाद हो जाता है। इसके लिए विभाग ने स्टॉप डैम, चेक डैम और नालों के सर्वेक्षण और उनपर बोरीबंधान व शटर कड़ी क्रियान्वयन के लिए २५ सेक्टर में २५ इंजीनियरों को लगाया है। एक इंजीनियर के हिस्से १०-१२ पंचायतें पड़ती है। जिसके आधार पर सर्वेक्षण कर चिह्निंत करते हुए पानी रोकने की व्यवस्था बनाई जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब तक कागजों में जल संरक्षण और शटर कड़ी लगाने की कार्यप्रणाली संचालित हो रही थी, जिसमें हर साल मानसून की अमृत रूपी बरसी बारिश इन नदी-नालों के माध्यम व्यर्थ में बहकर बड़े नदी नालों में समाहित हो जाया करती थी, इससे किसानों को समय आने पर न तो सिंचाई के लिए पानी मिल पाता था और ना ही गर्मी के दिनों में मवेशियों को पीने के पानी उपलब्ध हो पाते थे। लेकिन अब शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा के दिए निर्देश में जिला पंचायत आरईएस विभाग गम्भीर दिख रहा है। बॉक्स: ५ लाख घन मीटर पानी रूकेगा डैम में, १३५ हेक्टेयर रबी की फसल हो सकेगी सिंचितप्रभारी कार्यपालन यंत्री आरइएस जिपं एमके इक्का का कहना है कि पूर्व में भी बोरीबंधान या शटर कड़ी लगाने की कार्रवाई होती आई है, लेकिन इस बार हमने उन नालों व स्टॉप डैम को चिह्नित किया है जिनमें अधिक से अधिक पानी का भराव और अधिक से अधिक समय तक जलसंरक्षण का लाभ स्थानीय लोगों को मिल सके। जिले में वैसे अनुमानित ५०० से अधिक नए और पुराने स्टॉप डैम और चेक डैम है। इनमें हमने योजना के तहत ३६० डैम का चयन किया है, इनमें और आंकड़े बढ़ सकते हैं। इन डैम में अनुमानित लगभग ४.५० लाख से ५ लाख घनमीटर पानी को रोका गया है। इन पानी से आगामी रबी की फसल की १३५-१५० हेक्टेयर तक के रकबे को पूरी फसल तक सिंचित किया जा सकेगा। बॉक्स: कहां कितने चयनित स्टॉप डैमविकासखंड स्टॉप डैमअनूपपुर ८८जैतहरी १२९कोतमा १०२पुष्पराजगढ़ ४१इनमें बोरीबंधान से १६७ और कड़ी शटर से १०९ डैम के पानी को रोका गया है। जबकि १० चेक डैम ऐसे है जिनमें दीवाल है। इनमें कड़ी शटर या बंधान की आवश्यकता नहीं है।बॉक्स: २५०-३०० नालों को भी बंधान की तैयारीविभागीय अधिकारी के अनुसार जल्द ही जिले के २५०-३०० नालों पर भी बोरीबंधान कर जलसंरक्षण के प्रयास किए जाएंगे। वहीं विभाग के इस कार्य में पंचायत द्वारा लापरवाही बरतने पर पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। वर्सन: २५ अक्टूबर तक कार्य पूर्ण के निर्देश है, हमने चयनित ३६० डैम में से २८६ का कड़ी शटर और बोरीबंधान से कार्य पूर्ण कर लिया है, एकाध दिनों में शेष कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके बाद नालों से बहने वाले पानी को भी रोका जाएगा।एमके इक्का, प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरइएस जिला पंचायत अनूपपुर।[typography_font:18pt;” >———————————————-