scriptस्टार्टअप के लिए स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करें युवा | Prepare yourself mentally for startup youth | Patrika News

स्टार्टअप के लिए स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करें युवा

locationअनूपपुरPublished: Apr 07, 2019 12:15:48 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

बिहार में बायोगैस प्लांट स्थापित करने वाली डॉ. आकांक्षा और डॉ. आशुतोष का आईजीएनटीयू में छात्रों से संवाद

Prepare yourself mentally for startup youth

स्टार्टअप के लिए स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करें युवा

अनूपपुर। छात्रों में उद्यमिता विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय ने ‘स्काई इज नोट द लिमिट-आईजीएनटीयू ऑन मूव’ पहल की है। इसके अंतर्गत स्टार्ट अप प्रारंभ करने वाले युवा उद्यमियों के अनुभवों को छात्रों के साथ सांझा कर उन्हें स्वयं के उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसी कड़ी में ‘स्वयंभू इनोवेटिव साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड’ की संस्थापक डॉ. आकांक्षा सिंह और डॉ. आशुतोष कुमार ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के छात्रों को स्टार्टअप के विषय में उपयोगी जानकारियां प्रदान की। बिहार में बायोगैस प्लांट के विफल हो जाने के बाद डॉ. आकांक्षा और डॉ. आशुतोष ने पहल करते हुए कई स्थानों पर ग्रामीणों के साथ साझेदारी कर सफलतापूर्वक बायोगैस प्लांट स्थापित किए। इनसे न सिर्फ ग्रामीणों को सस्ते में बिजली मिल रही है, बल्कि उन्हें खाने बनाने के लिए गैस भी मिल रही है। इसमें रॉ मैटेरियल के रूप में गाय का गोबर प्रयोग किया जाता है। जिसे इन्हीं ग्रामीणों से खरीदा जाता है। इस परियोजना के बाद कई गांवों के सैकड़ों परिवारों को बहुत कम खर्च में रसोई गैस और बिजली मिल रही है। साथ ही इससे पैदा होने वाले आर्गेनिक खाद् का खेतों में प्रयोग किया जा रहा है। डॉ. आकांक्षा और डॉ. आशुतोष का कहना है कि प्रारंभ में स्वयं की परियोजना लगाने में काफी परिश्रम और आर्थिक संसाधनों की तंगी का सामना करना पड़ता है। मगर कुछ समय बाद यही परियोजनाएं काफी लाभ देने लगती हैं। उन्होंने सामाजिक उद्योगों को स्थापित करने में आने वाली चुनौतियों, आर्थिक संसाधनों को एकत्रित करने, पायलट प्रोजेक्ट बनाने और इसी को विस्तृत रूप देने के बारे में छात्रों को कई उपयोगी जानकारी दी। उनका कहना था कि सरकार और निजी संस्थाएं आर्थिक रूप से उपयोगी सुझावों को मूर्त रूप देने के लिए आर्थिक मदद देने को तैयार हैं। छात्रों को एक ऐसा प्रयोग करना पड़ेगा जिसकी आने वाले समय में काफी मांग हो। कुलपति प्रो. टीवी कटटीमनी का कहना था कि अमरकटंक क्षेत्र में लाख, शहद जैसे कई उपयोगी उत्पाद बहुतायत में उपलब्ध हैं। जिन पर आधारित उद्योगों को स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से इस संदर्भ में पहल कर स्टार्टअप शुरू करने का आह्वान किया। इससे पूर्व प्रो. प्रसन्ना कुमार सामल ने विश्वविद्यालय की इस पहल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान डॉ. अनिरूद्ध कुमार, डॉ. अनिल कुमार टमटा सहित बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक उपस्थित रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो