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साक्षात्कार में जवाब नहीं दे पाए प्रााचार्य, कमिश्नर ने किया निलंबित

locationअनूपपुरPublished: Nov 03, 2019 11:37:32 am

Submitted by:

Ramashankar mishra

आरोप पत्र जारी कर मांगा जवाब, कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित की गई थी समिति

साक्षात्कार में जवाब नहीं दे पाए प्रााचार्य, कमिश्नर ने किया निलंबित

साक्षात्कार में जवाब नहीं दे पाए प्रााचार्य, कमिश्नर ने किया निलंबित

अनूपपुर . कमिश्नर शहडोल संभाग आर बी प्रजापति ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत पी के लारिया प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या अनूपपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय अनूपपूर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन भत्ते की पात्रता होगी। ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2019 शैक्षाणिक गुणवत्ता एवं परीक्षा परिणामों में वृद्धि के लिए संबंधित प्राचार्य द्वारा किए जाने वाले प्रयासों के संबंध में 500 शब्दों में तैयार की गई कार्य योजना के संबंध में 12 अक्टूबर 2019 को कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्राचार्यो का साक्षात्कार लिया गया। जिसमें पी के लारिया प्रचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या अनूपपुर से विद्यालय प्रबंधन के बारे में प्रश्न-उत्तर किया गया। जिसमें प्राचार्य द्वारा विद्यालय में चल रही कक्षाओं, लेशन, प्लान, समय-सारणी, बोर्ड परीक्षा के परिणाम संबंधी किसी भी प्रश्न का समाधान कारक उत्तर नहीं दिया जा सका एवं समिति द्वारा किए गए मूल्यांकन में इनका प्राप्तांक सबसे कम पाया गया। इससे प्रतीत होता है कि वह अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन है। पी के लारिया प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या अनूपपुर का उपरोक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विरुद्ध होने से दंडनीय है।
आरोप पत्र जारी
कमिश्नर शहडोल संभाग आर बी प्रजापति ने पी के लारिया प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अनूपपुर को निलंबन के पश्चात आरोप पत्र जारी किया है। जारी आरोप पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विरुद्ध एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत विभागीय जॉच संस्थित किया जाना प्रस्तावित है। विभागीय जॉच संस्थित किए जाने से संबंधित आरोप पत्र, आरोपो का विवरण अभिलेख सूची एवं साक्ष्यो की सूची संलग्न करते हुए उल्लेखित किया गया है कि आपके विरुद्ध अधिरोपित किए गए आरोप के संबंध में अपना लिखित प्रतिवाद इस पत्र के प्राप्त होने 15 दिवस के अंदर प्रस्तुत करें साथ स्पष्ट रूप से यह भी अवगत कराएॅ कि क्या आप विभागीय जॉच प्रकरण में प्रत्यक्ष सुनवाई चाहते है, मैखिक जॉच चाहते है। अपने बचाव में कोई तथ्य व साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहते है। यदि हॉ तो उसकी सूची प्रस्तुत करें। आरोप पत्र में उल्लेखित किया गया है कि यदि आपकी ओर से लिखित प्रतिवाद नियत समयावधि में प्रस्तुत नही होने पर यह माना जायेगा कि इस संबंध में आपको कुछ नही कहना है तथा प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

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