राखड़ डैम फूटने की घटना में प्रमुख सचिव उर्जा ने मानी लापरवाही, डीईओ एई को किया निलंबित
कलेक्टर ने लापरवाही पर सचिव उर्जा को पत्र लिखकर कार्रवाई थी मांग
अनूपपुर
Published: February 20, 2022 11:52:44 am
अनूपपुर। राखड़ डैम के अचानक फूटने के मामले में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के दो अधिकारियों पर आखिर गाज गिर ही गई। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की वर्तमान में संचालित 210 मेगावाट क्षमता यूनिट में लगातार घट रही घटनाओं के साथ राखड डैम के फूटने की घटना के मामले में समीक्षा में १७ फरवरी की रात अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई पहुंचे प्रमुख उर्जा सचिव संजय दुबे ने डैम फूटने की घटना में बांध के जिम्मेदार डीई और एई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलबंन की पुष्टि मंजीत सिंह प्रबंध संचालक मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर ने की है। बताया जाता है कि प्रमुख सचिव उर्जा ने १८ फरवरी की सुबह फूटे डैम स्थल का निरीक्षण कर मौके पर आसपास बिखरे राखड़ को देखकर इसे बड़ा घटना माना था और इस मामले में सिविल विभाग के अधिकारियों को दोषी मानते हुए प्रमुख सचिव ने रात में फूटे डैम के बाद भी सुबह तक जिम्मेदारों को बांध बांधने से लेकर उसके रख-रखाव में बरती गई लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई थी। जिसके बाद शाम को दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित के निर्देश दिए थे। विदित हो कि ४५० मेगावाट क्षमता की तीन यूनिट वाली चचाई ताप विद्युत गृह १९७७ में संचालित हुआ था। जिसमें १२० की प्रथम इकाई २३ नवम्बर १९७७ और १२० मेगावाट क्षमता की दूसरी यूनिट १६ मई १९७८ को संचालित हुआ था। जबकि २१० मेगावाट क्षमता की तीसरी इकाई १५ जून २००८ को संचालित हुई। वर्तमान में २१० मेगावाट क्षमता की एक मात्र यूनिट से बिजली का उत्पान किया जा रहा है। जबकि अन्य १२०-१२० मेगावाट क्षमता की दोनों यूनिट बंद हो चुकी है। इस पावर प्लांट से निकलने वाले राखड़ और पानी के भंडारण के लिए दो किलोमीटर दूर राखड़ डैम का निर्माण कराया गया है। जिसमें १२०० मीटर की परिधि में राखड़ डैम का निर्माण किया गया है। इस डैम में ७ लाख क्यूबिक घनमीटर राखड़ भंडारित करने की क्षमता है। जिसमें वर्तमान में ४ लाख क्यूबिक घनमीटर राखड़ भंडारित थी। लेकिन १०-११ फरवरी की रात की घटना में लगभग १ लाख क्यूबिक घनमीटर से अधिक राखड़ पानी के साथ बह गया था। बताया जाता है कि पूर्व में बनाए गए डैम के भरने के उपरांत उन्हीं राखड़ और मिट्टी के साथ २००५ में २० फीट उंचा अंदर की तरफ से एक अन्य बांध बनाया गया था। लेकिन इसके बनने के उपरांत बांध की नियमित मेंटनेंस में कोई कार्य नहीं कराया गया था।
बॉक्स: कलेक्टर ने लापरवाही में कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव व कमिश्नर को लिखा था पत्र
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई संयंत्र की राखड़ डैम का लगभग ३० फीट चौड़ा हिस्सा के अचानक बह जाने मामले में जांच में पहुंची कलेक्टर ने इसमें विभागीय अधिकारियों की लापरवाही माना था। जिसमें प्रबंधक सहित पीसीबी से सम्बंधित मामलों में रिपोर्ट मांगी थी। वहीं कलेक्टर सोनिया मीणा ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए इस लापरवाही पर कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव उर्जा व शहडोल कमिश्नर को पत्राचार करते हुए जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन अभी पत्र के भेजे सप्ताह दिन भी नहीं बीते थे कि १७ फरवरी की रात प्रमुख उर्जा सचिव संजय दुबे के साथ मंजीत सिंह प्रबंध संचालक मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर, नीरज अग्रवाल विशेष करतब व्यस्त अधिकारी ऊर्जा विभाग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी जांच समीक्षा में चचाई पहुंच गए। हालंाकि अभी जांच जारी है इसमें कुछ और अधिकारियों के उपर गाज गिरने की संभावनाए जताई जा रही है।
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राखड़ डैम फूटने की घटना में प्रमुख सचिव उर्जा ने मानी लापरवाही, डीईओ एई को किया निलंबित
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