उन्नत बीजों और तकनीक से दोगुना कर सकते हैं मटर का उत्पादन
आईजीएनटीयू केवीके ने लपटी में कर दिखाया कमाल, किसान हुए खुशहाल
उन्नत बीजों और तकनीक से दोगुना कर सकते हैं मटर का उत्पादन
अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों के सहयोग से ग्राम लपटी में कलस्टर प्रदर्शन कर कमाल करके दिखा दिया है। यहां के किसानों को इस बार लगभग दोगुना मटर उत्पादन होने की उम्मीद है। यह सब उन्नत बीजों और खेती की नई तकनीक के प्रयोग से संभव हो सका है। कृषि विशेषज्ञों ने जिले के अन्य किसानों से भी इसी प्रकार खेती कर अपने उत्पादन को और अधिक बढ़ाने का आह्वान किया है। केवीके प्रमुख डॉ. एसके पांडेय और एसएमएस (कृषि विस्तार) संदीप चौहान का कहना है कि केंद्र के कृषि विशेषज्ञों के सहयोग से ग्राम लपटी में कलस्टर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद पिछले दिनों कृषि विशेषज्ञों ने यहां मटर फसल पर प्रक्षेत्र दिवस आयोजित कर लाभान्वित किसानों के अनुभवों और उनके सुझावों को अन्य लगभग 50 किसानों के साथ साझा किया। लाभान्वित किसानों ने बताया कि ग्राम और जिले के औसत उत्पादन के मुकाबले उन्हें इस बार दोगुना उत्पादन होने की उम्मीद है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे उत्पादन से प्राप्त बीजों को संरक्षित कर साथी किसानों को उपलब्ध कराएं जिससे उनका उत्पादन भी बढ़ सके। इसके लिए एसएमएस योगेश कुमार ने किसानों को मटर बीज के भंडारण की वैज्ञानिक विधि के बारे में भी जानकारी प्रदान की। इस दौरान बीजों को कीटों से बचाने के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. पांडेय का कहना है कि यदि सीड कम फर्टी ड्रील मशीन का प्रयोग किया जाए, कतार में बुवाई की जाए, कार्बोक्सिन और थायरम से बीजोपचार हो और वैज्ञानिक अनुशंसा से खाद और उर्वरकों का उपयोग किया जाए तो सभी किसान अपना उत्पादन और अधिक बढ़ा सकते हैं। लपटी के किसान दशरथ सिंह का कहना है कि केंद्र के कृषि विशेषज्ञों की मदद से उन्हें काफी लाभ प्राप्त हुआ है। किसान बोधराम यादव ने बताया कि मटर की उन्नत किस्म पारस से छह से आठ क्विंटल उत्पादन प्राप्त होने की उम्मीद है। उन्होंने बीजोपचार और कतार में बुवाई को अधिक उत्पादन के लिए उपयोगी बताया।
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