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संचालक मंडल की बैठक में प्रस्ताव पास; अमरकंटक ताप विद्युत चचाई में 660 मेगावाट की एक सुपर क्रिटीकल इकाई की होगी स्थापना

locationअनूपपुरPublished: Sep 14, 2018 08:14:15 pm

Submitted by:

shivmangal singh

संचालक मंडल की बैठक में प्रस्ताव पास; अमरकंटक ताप विद्युत चचाई में 660 मेगावाट की एक सुपर क्रिटीकल इकाई की होगी स्थापना

Proposal pass in the meeting of the Board of Directors Amarkantak will

संचालक मंडल की बैठक में प्रस्ताव पास; अमरकंटक ताप विद्युत चचाई में 660 मेगावाट की एक सुपर क्रिटीकल इकाई की होगी स्थापना

बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में नई पहल, दो-तीन साल में स्थापित होगी इकाई
अनूपपुर। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में जल्द ही विद्युत उत्पादन की दिशा में एक नई यूनिट फिर उत्पादन के लिए संचालित होगी। जिसमें मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड संचालक मंडल ने चचाई के लिए ६६० मेगावाट सुपर क्रिटीकल तकनीक पर आधारित एक नए सयंत्र की स्थापना की हरी झंडी दी है। अगर यह ६६० मेगावाट सुपर क्रिटीकल तकनीक पर आधारित इकाई स्थापित होती है तो इससे अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई से अधिक मात्रा में बिजली उत्पादन के साथ साथ लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान हो सकेगे। साथ ही यह इकाई मध्यप्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक ठोस निर्णय लेकर मील का पत्थर साबित होगी। हालांकि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में राज्य के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी और चचाई में ६६०-६६० मेगावाट की एक-एक इकाई स्थापित करने पर अपनी सहमति प्रदान की है। मंडल की प्रस्तावित दोनों इकाईयों की प्रत्येक विद्युत इकाई की अनुमानित लागत ४५०० करोड़ की होगी। बताया जाता है कि मप्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के निदेशक मंडल की ९७ वीं बैठक भोपाल में १२ सितम्बर को मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव(उर्जा) एवं मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अध्यक्ष आईसीपी केशरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें ६६० मेगावाट क्षमता की एक इकाई अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के विद्युत गृह क्रमंाक १ एवं २ की सेवानिवृत्त इकाईयों के स्थान पर तथा ६६० मेगावाट क्षमता की एक इकाई सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के परिसर में स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के प्रमुख सचिव(उर्जा) आईसीपी केशरी ने कहा राज्य में दोनों ही ताप विद्युत गृहों में सुपर क्रिटीकल तकनीक पर आधारित विद्युत इकाई स्थापित होने से प्रदेश की भविष्य में बढ़ती विद्युत मांगों को पूर्ण करने में योगदान होगा। निदेशक मंडल ने दोनों विद्युुत इकाईयों की स्थापना की स्वीकृति देते हुए कंपनी को निर्देशित किया है कि इन इकाईयों की स्थापना के लिए वैद्यानिक एवं अन्य स्वीकृतियां जैसे पर्यावरणीय स्वीकृति, कोयला एवं पानी का आवंटन प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्रवाई शीध्र की जाए। ताकि इकाईयों की स्थापना समय पर की जा सके। विदित हो कि वर्तमान में अमरकंटक ताप विद्युत चचाई गृह में २१० मेगावा की एक इकाई ही संचालित है। जबकि इससे पूर्व १२०-१२० की दो इकाईयां बंद हो चुकी है। जिसकी प्रतिपूर्ति में अब संचालक ने दोनों इकाईयों के स्थान पर ६६० मेगावाट की सुपर क्रिटीकल तकनीक पर आधारित नई इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया है।
वर्सन:
१२०-१२० की दो बंद इकाईयों की जगह ६६० मेगावाट इकाई सयंत्र स्थापित का प्रस्ताव पारित किया गया है। इससे क्षेत्र में विद्युत उत्पाद की मात्रा बढेगी ही साथ ही लोगों को रोजगार का नया अवसर भी प्राप्त हो सकेगा। अनुमान है कि दो-तीन साल के अंदर यह इकाई स्थापित हो जाएगी।
आरके गुप्ता, कार्यपालन अभियंता अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई अनूपपुर।
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