अनूपपुर

डेढ़ घंटे विलम्ब से शुरू हुई जनसुनवाई, अधिकारियों के इंतजार में भटकते रहे आवेदक

बिना वैकल्पिक व्यवस्था और जानकारी दिए साप्ताहिक समीक्षा बैठक में बैठी रहीं जिला प्रशासन

अनूपपुरAug 14, 2019 / 04:59 pm

Rajan Kumar Gupta

डेढ़ घंटे विलम्ब से शुरू हुई जनसुनवाई, अधिकारियों के इंतजार में भटकते रहे आवेदक

अनूपपुर। साप्ताहिक जनसुनवाई में अपनी समस्याओं से प्रशासन को अवगत तथा उनके निराकरण के लिए दूर-दराज से आए आवेदकों को लगभग डेढ़ घंटे तक प्रशासनिक टीम के लिए इंतजार करना पड़ा। १३ अगस्त को जनसुनवाई लगभग १२.३० बजे आरम्भ हुई। इस दौरान आवेदक अपने आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट परिसर के कभी ग्राउंड फ्लोर की जनसुनवाई कक्ष तो कभी प्रथम तल बनी बैठक कक्ष के चक्कर लगाते रहे। आवेदको को यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर जनसुनवाई के लिए अधिकारी-कर्मचारी कहां बैठे है। अधिकारियों की अनुपस्थिति में कुछ आवेदक विलम्बता और बारिश की सम्भावनाओं में बिना अपनी समस्याओं को निराकरण कराए घर की ओर रवाना हो गए, जबकि कुछ आवेदक अधिकारियों के इंतजार में बैठे रहे। विदित हो कि मंगलवार को आयोजित होने वाली साप्ताहिक जनसुनवाई सुबह ११ बजे से १ बजे तक सुनी जाती है। इसमें जिला कलेक्टर सहित समस्त विभागीय प्रमुख उपस्थित होकर समस्याओं का निदान करते हैं। लेकिन १३ अगस्त को जिले के समस्त विभाग प्रमुख के साथ जिला कलेक्टर जनसुनवाई की बिना वैकल्पिक व्यवस्था बनाए साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में शामिल हो गए। इससे पूर्व इस प्रकार की बैठकों को देखते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी को जनसुनवाई के लिए प्रतिनियुक्त कर दोनों कार्रवाई को पूर्ण कराया जाता रहा है। लेकिन मंगलवार को जिला प्रशासन ने आयोजित होने वाली जनसुनवाई को ही दरकिनार कर दिया गया। बाहर भटक रहे आवेदकों को यह बताने किसी ने जहमत नहीं उठाई कि आज जनसुनवाई विलम्ब से आरम्भ होगी। अधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल हैं। आवेदिका सीता बैगा निवासी राजनगर का कहना है कि वह सुबह १०.३० बजे ही कलेक्ट्रेट अपने परिजनों के साथ पहुंच गई थी। सीता बैगा की आठवीं के अंकसूची में गलती से पिता का नाम हीरालाल दर्ज है, जबकि पिता का सही नाम सोनसाय बैगा है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कार्यालय में कर्मचारियों ने कहा जबतक कलेक्टर निर्देशित नहीं करेंगे पिता के नाम में बदलाव कर आगे नामांकन में सुधारत्मक नाम नहीं दर्ज किया जाएगा। लेकिन पिछले डेढ़ घंटे से जनसुनवाई कक्ष में एक भी अधिकारी मौजूद नहंी है। वहीं रामबाई सिंह निवासी ग्राम पोंडी का कहना है कि बरसात के महीने में मेरे घर का पानी रास्ते से सटकर बनी नाली में जाता है। लेकिन उस नाली को रय सिंह पिता लोकनाथ सिंह द्वारा नाली को बंद कर दिया गया है। नाली बंद होने से पूरा पानी अब मेरे घर के अंदर ही जमा हो रहा है और घर गिरने की कगार पर पहुंच गया है।

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