script

राहत: 30 अक्टूबर से बिजुरी रेलवे फाटक बंद, 22.92 करोड़ से तैयार ओवरब्रिज पर होगा आवागमन

locationअनूपपुरPublished: Oct 23, 2020 08:25:21 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

नगर के साथ सीमावर्ती राज्यों के लिए सफर होगा आसान, बंद फाटक से बीमार मरीजों को नयाजीवन

Relief: From October 30, Bijuri railway gate closed, over 22.92 crore

राहत: 30 अक्टूबर से बिजुरी रेलवे फाटक बंद, 22.92 करोड़ से तैयार ओवरब्रिज पर होगा आवागमन

अनूपपुर। जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर बिजुरी-मनेन्द्रगढ़ मार्ग के बीच बिजुरी नगरीय क्षेत्र से गुजरी बिजुरी-बौरीडांड रेलखंड पर बनी रेलवे फाटक ३० अक्टूबर से हमेशा के लिए बंद कर दी जाएगी। इसकी जगह रेलवे द्वारा २२.९२ करोड़ की लागत से बनी ओवरब्रिज आम नागरिकों की आवाजाही के लिए खोल दिए जाएंगे। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर ने रेलवे फाटक बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही बिजुरी नगरवासियों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है। रोजाना फाटक पर लगने वाले जाम से अब बिजुरी नगरवासियों को मुक्ति मिल जाएगी। रेलवे ने फाटक पर २२.९२ करोड़ की लागत से ४६० मीटर लम्बा और ७.५ मीटर चौड़ा आवेरब्रिज बनाया है। इस रेलवे ओवरब्रिज के चालू होने से नगर सहित आसपास के राजनगर, रामनगर और छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़े बड़े शहरों मनेन्द्रगढ़, अम्बिकापुर, चिरमिरी की ओर जाने वाले वाहन चालकों को आवागमन में सुविधा होगी। सबसे बड़ी बात इस फाटक की झंझट से कम समय में लोग बिना अवरूद्ध अपने गतंव्य तक पहुंच सकेंगे। रेलवे विभाग की जानकारी के अनुसार रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन ब्रिज के उपर बिजली कार्य, अधूरा है। इसके अलावा सडक़ के जड़े हिस्से ब्रिज के हिस्सों पर सीसी सडक़ की ढलाई का कार्य किया जाना शेष है। उम्मीद है कि रेलवे ३० अक्टूबर से पूर्व इसे अधूरे कार्य को पूर्ण करा लेगी।
विदित हो कि नगर के मध्य बने रेलेव फाटक पर हर आधे घंटे के उपरांत बंद का सामना नगरवासियों को करना पड़ता था। हसदेव क्षेत्र अंतर्गत कोयला की १० से अधिक खदानों सहित अन्य प्रदेश से जुड़ी कोल परिवहन के कारण यहां रोजाना २४-२५ गाडिय़ां गुजरती है। सबसे बड़ी समस्या वाहन चालकों के लिए बनती थी। कभी कभी दो ट्रेनों की आवाजाही में फाटक आधा घंटा से अधिक समय तक के लिए बंद रह जाता था। जिसमें बीमार मरीजों को लेकर निजी वाहनों से मनेन्द्रगढ़, बिलासपुर जाने वाले परिजनों सहित एम्बुलेंस वाहनों को परेशानियों से जूझना पड़ता था। कभी कभी मरीजों की जान संशय में पड़ जाते थे। वाहन चालकों व जरूरी कार्य से अन्यत्र जा रहे नागरिकों को अधिक समय तक फाटक के खुलने का इंतजार करना पड़ता था। जल्दीबाजी में नागरिक और बाइक सवार जान जोखिम में डालकर नियमों का उल्लंघन कर ट्रेनों की आवाजाही के दौरान फाटक पार करते थे। लेकिन अब इस समस्या से हमेशा के लिए नागरिकों मुक्ति मिल जाएगी।
——————————————-

ट्रेंडिंग वीडियो