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राहत: जमीन के अभाव में अटकी योजना के लिए 3.109 हेक्टेयर रकबे की निजी भूमि के लिए अधिसूचना जारी

locationअनूपपुरPublished: Nov 28, 2020 11:44:26 am

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

अलाननदी सिंहपुर डायवर्सन योजना चार साल से अधूरा, ७ गावं के खेतों तक नहीं पहुंच सका नहर का पानी

Relief: Notification issued for 3.109 hectares of private land for stu

राहत: जमीन के अभाव में अटकी योजना के लिए 3.109 हेक्टेयर रकबे की निजी भूमि के लिए अधिसूचना जारी

अनूपपुर। जैतहरी जनपद पंचायत के ग्राम पंचाय कदमसरा स्थित अलाननदी पर २२ करोड़ की लगात से निर्माणाधीन अलान नदी सिंहपुर डायवर्सन योजना को जमीन के अभाव में अधूरा नहीं छोड़ा जाएगा। जमीन के अभाव में यह परियोजना पिछले चार साल से आधी अधूरी स्थिति में अटकी पड़ी है। जमीन की समस्या को दूर करने प्रशासन ने जैतहरी तहसील के गोधन, चोरभटी, उमरिया की कुल 3.109 हेक्टेयर रकबे की निजी भूमि के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके तहत भू-अर्जन पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिभार की प्रक्रिया पूरी करते हुए परियोजना को पूर्ण कराया जाएगा। बताया जाता है कि इस परियोजना में जैतहरी की जमीन के साथ साथ कुछ स्थानों पर जैतपुर शहडोल की भूमि भी निर्माण में फस रही थी, जिसपर किसानों को मुआवजना सहित अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने में विभाग असमर्थ हो रहा था। इस परियोजना से ७ गांवों को सिंचाई के माध्यम से पानी पहुंचाया जाना प्रस्तावित है। परियोजना को जलसंसाधन विभाग निर्माण एजेंसी के अधीनस्थ ग्वालियर के ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। लेकिन ठेकेदार द्वारा पिछले चार सालों के दौरान निर्माण कार्य में १५० मीटर लम्बी प्रस्तावित बांध निर्माण में मात्र १२० मीटर लम्बी कंक्रीटबॉल का कार्य किया गया है। इस डायवर्सन योजना से कदमसरा ग्राम पंचायत सहित वेंकटनगर, खैरीटोला, चोरभट्टी, गोधन, खुलखारी, खोड्री व उमरिया गांव के ९८० हेक्टेयर भूमि को १० किलोमीटर लम्बी नहर के माध्यम से सिंचित किया जाना है। विदित हो कि सिंहपुर डायवर्सन योजना स्टेयरिज बियर यानि नाला आधारित परियोजना है। जिसे वर्ष २०१६ से आरम्भ करते हुए २०१९ तक पूर्ण किया निर्धारित किया गया था। माना जाता है कि इस परियोजना में राजस्व विभाग द्वारा मुआवजा वितरण को लेकर कोताही बरती गई थी, जिसके कारण भू अर्जन की प्रक्रिया में निर्माण कार्य अधूरा रह गया।
बताया जाता है कि मुआवजा राशि को लेकर कुछ गांवों के में नाराजगी बनी है। सुलखारी गांव में किसानों ने जमीन देने से इंकार करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया। किसान भी मानते हैं कि इससे सिंचाई जैसी अव्यवस्था से किसानों को राहत मिलेगी और खेतों तक आसानी से पानी पहुंच सकेगा। लेकिन यहां ऐसे गांव है जहां सब्जी की फसल के साथ साथ दो फसली रबी और खरीफ की अधिक उपज होती है। विभाग ३५० किसानों से १० मीटर चौड़ी नाला (नहर) के लिए जमीन ले जा रही है। लेकिन विभाग की इस कार्रवाई में किसानों को मुआवजा की राशि राजस्व विभाग द्वारा नहीं बांटा गया है। सुलखारी के किसानों ने मुआवजा के अभाव तथा मुआवजा का दर सही मानते हुए निर्माण पर रोक लगा दी है। वहीं उमरिया गांव में मुआवजा के लिए आवंटित हुई ६ करोड़ की राशि में लगभग ३ लाख ५० हजार का ही वितरण हो सका है।
बॉक्स: २२ करोड़ की है डायवर्सन परियोजना
अलान नदी सिंहपुर डायवर्सन योजना २२ करोड़ की लागत से पूर्ण होगी। स्टेयरिज वियर कैनाल के माध्यम से १० किलोमीटर और मानइर करीब ५ किलोमीटर लम्बी बनाई जाएगी। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए १० करोड़ ३४ लाख का वर्क आडर जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ से जुड़ी अलाननदी वेंकटनगर, कदमसरा, चोरभटी, गोधन, खैरीटोला, सुलखारी, खोड्री उमरिया गांव तक नहर के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था बनाई जाएगी। जिससे ३५० किसानों के ९८० हेक्टेयर भूमि को पानी सिंचित किया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार वेंकटनगर और खैरीटोला गांव ५० किसानों की भूमि नहर के अंदर डूब क्षेत्र में आया है।
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