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सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सुझाव दें शोधार्थी

locationअनूपपुरPublished: Sep 07, 2019 04:20:45 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

आईजीएनटीयू में दस दिवसीय विशेष कार्यशाला प्रारंभ, सीरिया सहित देशभर के शोधार्थी ले रहे हैं भाग

Researchers suggest to meet social challenges

सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सुझाव दें शोधार्थी

अनूपपुर। शोधार्थियों को नवीन शोध प्रविधियों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में दस दिवसीय रिसर्च मैथडोलॉजी कार्यशाला (5-14 सितंबर) आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर शोधार्थियों का आह्वान किया गया कि वे शोध के विभिन्न आयामों का अध्ययन कर उचित शोध विधि का प्रयोग कर समाज और नीति निर्धारकों के लिए उपयोगी तथ्यों को प्रस्तुत करें। ५ सितम्बर को कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रो. अश्वनी कुमार ने शोधार्थियों के समक्ष आने वाले विभिन्न चुनौतियों को समझाते हुए कहा कि ज्यादातर शोधार्थी क्वालिटेटिव, क्वांटिटेटिव और पार्टिसिपेटरी मैथडोलॉजी को समझने में काफी समय निकाल देते हैं। उन्होंने कहा शोध विषय से संबंधित सभी जानकारियों को एकत्रित कर निरंतर इस जानकारी को अद्यतन करने की आवश्यकता होती है जिससे शोध को और अधिक उपयोगी बनाया जा सके। उन्होंने शोध संबंधी विभिन्न आयामों को भी विस्तार से समझाया। कुलपति प्रो. टीवी कटटीमनी का कहना था कि विश्वविद्यालय आदिवासी नायकों से संबंधित जानकारियों को एकत्रित कर उनका डाक्यूमेंटेशन कर रहा है, जिसमें शोधार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि समाज विज्ञान शोध में कोई सीमा नहीं होती है। शोधार्थियों को चाहिए कि वे विभिन्न सामाजिक चुनौतियों के बारे में शोध कर नीति निर्धारकों को आवश्यक जानकारियां प्रदान करें जिससे इनका मुकाबला किया जा सके। प्रो. नीति जैन ने कहा कि शोधार्थी विभिन्न बिंदुओं को जोडक़र एक संपूर्ण चित्र का निर्माण करते हैं। उन्होंने शोधार्थियों से अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से संबंधित शोध करने का आह्वान किया। डॉ. आनंद सुगंधे और डॉ. विनोद सेन ने बताया कि कार्यशाला के लिए देशभर से लगभग 260 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 30 शोधार्थियों को कार्यशाला के लिए चयनित किया गया है। इसमें एक प्रतिभागी सीरिया से हैं। दस दिवसीय कार्यशाला में शोध के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देने के लिए देशभर के प्रमुख शिक्षाविद् आ रहे हैं। कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग और इंडियन इंस्टीट्यू ऑफ सोशल साइंस रिसर्च नई दिल्ली के तत्वावधान में किया जा रहा है।
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