अनूपपुर। स्व सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण और समूह के सदस्यों द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों को आमजन तक पहुचाने के उद्देश्य से नाबार्ड के सहयोग से संचालित आजीविका रूरल मार्ट एक सशक्त माध्यम बनेगा। जिसमें स्वसहायता समूह के सदस्यों को अपने उत्पाद को बेचने बाजार की चिंता नहीं करनी होगी। यह बात कलेक्टर सोनिया मीणा ने २६ नवम्बर को आजीविका रूरल मार्ट के शुभारंभ के अवसर पर कोतमा में ही। इस मौके पर कलेक्टर ने कोतमा में आजीविकास रूरल मार्ट की शुभारंभ की। शुभारंभ के दौरान रूरल मार्ट में विक्री के लिए तैयार विभिन्न उत्पादों साबुन, हैंडवाश, डिशवाश, डिटर्जेंट पावडर, सेनेटरी नैपकिन, अगरबत्ती के साथ साथ लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प व गोंडी पेंटिंग और गोबर से बने विभिन्न उत्पादों को रखा गया गया था। जिसके बारे में कलेक्टर व जिपं सीईओ हर्षल पंचोली ने जानकारी प्राप्त की। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया ताकि समूहों के उत्पादों की पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बनी रहे। बॉक्स: मार्ट संचालन के लिए मानदेय व किराया के भी प्रावधाननाबार्ड जिला विकास प्रबंधक रविन्द्र जोल्हे ने बताया कि नाबार्ड द्वारा प्रारम्भिक दो वर्षों के लिए स्व सहायता समूहों को रूरल मार्ट संचालन के लिए किराया और नियुक्त सदस्य के मानदेय जैसे कार्यों के लिए सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके बाद स्व सहायता समूह स्वतंत्र रूप से आजीविका रुरल मार्ट का संचालन कर आय अर्जन करेंगे। [typography_font:18pt;” >—————————————