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सावन की लगी झड़ी, बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, घरों और निचले इलाकों में भरा पानी

locationअनूपपुरPublished: Jul 14, 2020 10:38:03 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

खेतों में खरीफ की बुवाई में जुटे किसान, अभी और तेज बारिश की आशंका

Sawan rain, rain disrupted life, water filled homes and low-lying area

सावन की लगी झड़ी, बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, घरों और निचले इलाकों में भरा पानी

अनूपपुर। 1 जून से मानसून की सक्रिया के उपरांत 14 जुलाई को सावन की अधिक समय तक के लिए झड़ी लगी, जिसमें सुबह से लगातार तेज बारिश की बौछार से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। तेज बारिश की बौछार में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के निचले इलाकों में पानी भर आया। वहीं अनूपपुर नगरीय क्षेत्र के अनेक निचले वार्ड पानी से लबालब भर गए और उनके घरों में पानी भर आया। जहां घर के सदस्यों ने घरों से पानी निकालने में दिनभर का समय गुजारा। वहीं कुछ स्थानों पर नाली और पानी निकासी के अभाव में बारिश का पानी सडक़ों को पार कर बहने लगी। अधीक्षक भू-अभिलेख विभाग ने अभी और तेज बारिश की चेतावनी दी है। फिलहाल मंगलवार को सुबह से लगातार हुई बारिश से खेतों में पानी की भरपूर मात्रा हो गई, जिसमें अब किसान धान की रोपाई में जुट गए हैं। अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारी एसएस मिश्रा ने बताया कि पूर्व में ही मौसम विभाग द्वारा अनूपपुर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। मौसम का मिजाज कल से ही बदलना आरम्भ हो गया था, जहां सुबह ४ बजे के आसपास से तेज बारिश आरम्भ हुई। बीते 24 घंटे में जिले में 5.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापी केन्द्र अनूपपुर में 21.4 मिमी, कोतमा में 14.7 मिमी, जैतहरी में 3.4 मिमी, अमरकंटक में 2.1 मिमी, बिजुरी में 1.6 मिमी तथा वेंकटनगर में 4.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं दिन में लगभग २ इंच बारिश होने की सम्भावना है।
बॉक्स: एक लाख ७५ हजार हेक्टेयर पर खरीफ की बुवाई
उपसंचालक कृषि एनडी गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष बारिश की मात्रा शुरूआत से अच्छी उतर रही है। जिसके कारण इस बार धान की बेहतर पैदावार की सम्भावना है। वहीं इस वर्ष जिले में खरीफ की १ लाख ७५ हजार हेक्टेयर पर बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें धान ११५.२० हजार हेक्टेयर, मक्का १३.९५ हजार हेक्टेयर, सहित अनाज १४४.३७ हजार हेक्टेयर, उड़द ४ हजार हेक्टेयर, मूंग ८ हजार हेक्टेयर, अरहर ९.१५ हजार हेक्टेयर सहित दलहन १४.४० हजार हेक्टेयर भूमि पर इसी प्रकार १५ हजार हेक्टेयर भूमि पर तिलहन की पैदावार की जाएगी।
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