कोरोना महामारी में जिन स्कूली बच्चों को नहीं मिला भोजन, अब थैले में मिलेगा मूंग
प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को 10 किलो और माध्यमिक स्कूल के बच्चों को 15 किलोग्राम की मिलेगी थैली
अनूपपुर
Published: April 16, 2022 10:37:03 pm
अनूपपुर। कोरोना संकट के दौरान बंद स्कूलों और कोरोना से बचाव में बच्चों को पॉकेट बंद दिए गए खाद्यान्न और उनमें भी लगभग १७६ दिनों तक घरों तक नहीं पहुंचे अनाज से स्कूली बच्चे अपने हक से वंचित नहीं रहेंगे। सरकार द्वारा उनके लिए अनाज की जगह साबूत मंूंग देने की रणनीति अपनाई है। जिसे स्कूल में दिए जाने वाले खाद्य मात्राओं के अनुपात में भी वितरित किया जाएगा। यह लाभ पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना २०२२ के तहत दिया जा रहा है। अब तक सरकार द्वारा मिड डे भोजन योजना संचालित की जा रही थी। जिसके माध्यम से बच्चों को भोजन उपलब्ध करवाया जाता था। अब इस योजना को प्रधानमंत्री शक्ति निर्माण योजना में समाहित किया गया है। 29 सितंबर 2021 को इस योजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इस योजना के माध्यम से स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को केवल भोजन देने के स्थान पर पोषक तत्वों से भरपूर भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। जिसके लिए हरी सब्जियां एवं प्रोटीन युक्त भोजन मेनू में शामिल किया गया है। बताया जाता है कि पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध करवाना है। यह योजना कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से आरंभ की गई है। इस योजना के माध्यम से बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा जिससे कि बच्चे कुपोषण का शिकार होने से बच सकेंगे। इन पर होने वाला खर्च केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हालांकि अनूपपुर जिले में अप्रैल माह के दौरान ही वितरित किए जाने की योजना थी, लेकिन अब तक जिले के चारो विकासखंड अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा और पुष्पराजगढ़ में से सिर्फ कोतमा के लिए ही आवंटन आ पाया है। शेष तीन अन्य विकासखंडों में साबूत मूंग का आवंटन नहीं हुआ है। जिला प्रबंधक एमडीएम पूनम सिंह ने बताया कि कोरोना काल के दौरान बच्चों को पॉकेट बंद दाल, नमक, और चावल वितरित किया गया था। लेकिन इस दौरान लगभग कुल १७६ दिन का भोजन बच्चों को नहीं वितरित हुए। जिसे देखते हुए सरकार ने अब खाद्यान्न की मात्रा की जगह साबूत मूूंग देने का निर्णय लिया है। साबूत मूंग पोट्रीन युक्त सुपाच्य आहार है। इससे सेवन से शरीर में पोट्रीन की मात्रा में बढोत्तरी होगी। जिले में इसका लाभ कक्षा १ से लेकर ८ तक के लगभग ७० हजार ४०२ बच्चे को लाभ मिलेगा।
बॉक्स: प्राथमिक को १० और माध्यमिक को १५ किलो की थैली
जिला प्रबंधक एमडीएम पूनम सिंह ने बताया कि बच्चों को कोरोना के दौरान घर घर दाल, तेल, नमक सहित अन्य सामग्री पहुंचाई गई। लेकिन अब सरकार वंचित दिनों के एवज में प्राथमिक स्कूल के बच्चों को १० किलोग्राम की मूंग की थैली और माध्यमिक स्कूल के बच्चों को १५ किलोग्राम की थैली वितरित कराएगी। यह वितरण सोसायटी से कराया जाएगा। थैला में सीएम और पीएम के लोगो के साथ योजना सम्बंधित बातें लिखी रहेगी। यह थैली भी भोपाल से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एमडीएम योजना के तहत जिले के लिए ६५० टन मूंग के आवंटन की मांग की गई है।
बॉक्स: चार विकासखंड में मात्र कोतमा में आवंटन
अप्रैल माह में प्रस्तावित ६५० टन के आवंटन की मांग में अब तक कोतमा को छोडक़र अन्य विकासखंडों में आवंटन नहीं पहुंचा है। जबकि पूर्व में संभावना जताई गई थी कि इसका १२ अपै्रल के दौरान शुभारंभ अन्न उत्सव के दौरान कर दिया जाएगा। लेकिन जिले के अनूपपुर, जैतहरी और पुष्पराजगढ़ के बच्चों के लिए आवंटन नहीं होने से बच्चे आस की निगाहें लेकर बैठे हैं।
वर्सन:
कोरोना काल के दौरान १७६ दिनों का एमडीएम वितरण बंद था, इसके एवज में सरकार बच्चों को पोट्रीन युक्त साबूत मंूग का वितरण कर रही है। प्राथमिक स्कूल के बच्चे को १० किलो की थैली और माध्यमिक स्कूल के बच्चों को १५ किलो की थैली प्रदाय की जाएगी।
पूनम सिंह, जिला प्रबंधक एमडीएम योजना अनूपपुर।
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