चोरी की घटनाओं के बाद भी जिला अस्पताल में सुरक्षा की अनदेखी, नहीं है प्रवेश द्वार पर दरवाजे
अनूपपुरPublished: Aug 31, 2019 03:51:36 pm
चोरी की घटनाओं के बाद भी जिला अस्पताल में सुरक्षा की अनदेखी, असुरक्षा के माहौल में समय गुजारने को विवश मरीज व परिजन
चोरी की घटनाओं के बाद भी जिला अस्पताल में सुरक्षा की अनदेखी, नहीं है प्रवेश द्वार पर दरवाजे
अनूपपुर। जिला अस्पताल परिसर में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए प्रबंधन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी की गई है। आधा दर्जन सिक्यूरिटी गार्ड के कंघों पर वाहन पार्किंग, परिसर की अंदरूनी सुरक्षा तथा चार मुख्य गेटों व अन्य नवनिर्मित भवनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपकर बिना लोहे के दरवाजे की प्रवेश द्वार छोडक़र सुरक्षा की खानापूर्ति कर दी है। जिसके कारण सालों से छोटी-बड़ी चोरी की घटनाओं का सिलसिला अस्पताल परिसर में बना हुआ है। जबकि परिसर से वाहनों की चोरी के मामले भी सामने आए। जबकि कुछ वर्ष पूर्व कुछ आधी रात में असामाजिक तत्वों द्वारा सरेआम नर्स ड्यूटी कक्ष की खिडक़ी से रजिस्टर उठा ले जाने की घटना भी घटित हो चुकी है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधक द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात नहीं किए गए हैं। जिसके कारण जिला अस्पताल में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। शासकीय अस्पताल की करोड़ो की सम्पत्ति के अलावा मरीजों व परिजनों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है। अस्पताल परिसर के चारों ओर उंची दीवार तो जरूर खींच दी गई है, लेकिन उनमें बनाए मुख्य द्वार के अलावा अन्य प्रवेश द्वार में अभी तक कोई दरवाजे नहीं लगाए गए हैं। जिसके कारण दिनरात चारों दिशाओं से खुले परिसर में बाहरी लोगों की बेरोक-टोक आवाजाही बनी रहती है। परिसर में आने वाले लोगों में परिजन कौन है और असामाजिक तत्व कौन है पहचान नहंी हो पाता। जबकि परिसर के अनुसार सुरक्षा में लगाए गए सिक्यूरिटी गार्ड की संख्या भी अपर्याप्त है।
परिजनों का कहना है कि उपचार के दौरान बेहोश मरीजों के अलावा दिनरात उनकी देख-रेख में जुटे परिजनों की अद्धनिंद्रा जैसी हालात का फायदा उठाकर बाहरी लोग उनके सामानों को चुरा ले जाते हैं। कुछ अज्ञात द्वारा तो महिला प्रसव भर्ती कक्ष में प्रवेश कर मोबाईल व अन्य कीमती सामान को चुरा ले गए हैं। पिछले एक साल में दर्जन से अधिक चोरियों की शिकायत जिला अस्पताल प्रबंधन के पास दर्र्ज कराई गई। जबकि आधा दर्जन बाइक के पार्किंग स्थल से पार हो जाने की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है।
बॉक्स: तीन साल से नहीं लगे दरवाजे
ट्रामा सेंटर सहित अन्य मेटरनिटी, लैब भवन के निर्माण के दौरान प्रवेश द्वार के लिए दीवारों में जगह-जगह बड़ा प्रवेश द्वार बनाए गए। दीवारों को डिजाइन कर उसे स्वरूप प्रदान किया गया। लेकिन इस कार्य के तीन साल बाद भी तीनों प्रवेश द्वार में एक भी लोहे के गेट नहीं लगाए गए है।