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किसानों को रोजगार के लिए प्रबंधन ने दिए 10 दिनों की मोहलत

locationअनूपपुरPublished: Mar 04, 2019 07:13:31 pm

Submitted by:

shivmangal singh

आमाडांड निमहा और कुहका के प्रभावित प्रस्तुत करें आवश्यक दस्तावेज

anuppur

किसानों को रोजगार के लिए प्रबंधन ने दिए 10 दिनों की मोहलत

अनूपपुर/बदरा। जमुना कोतमा क्षेत्र की खुली खदान आमाडांड परियोजना के प्रभावित किसानों को उनके जमीन के एवज में रोजगार देने के लिए प्रबंधन ने प्रभावित किसानों को10 दिनों की मोहल्लत दी है। जिसमें आमाडाड, निमहा एवं कुहका के प्रभावित किसान 10 दिनों के अंदर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। महाप्रबंधक संचालन अजीत सिंह सोढा ने बताया कि एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र के अंतर्गत आमाडांड खुली खदान परियोजना से प्रभावित ग्राम आमाडांड, निमहा एवं कुहका के समस्त भू स्वामियों को अधिग्रहित भूमि के एवज में उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट याचिका दिनांक 25 जनवरी 2018 को पारित आदेश के परिपालन में यह निर्णय लिया है। इसमें कोल इंडिया पुनर्वास नीति 2012 एवं एसईसीएल मॉडल टीज के तहत जिला स्तरीय पुनर्वास एवं पुन: स्थापना समिति द्वारा घटते क्रम में रोजगार प्रदान किया गया है। घटते क्रम की सूची में प्रथम दृष्टया ग्राम आमाडांड का कट ऑफ 0. 581 एकड़ एवं ग्राम कुहका कट ऑफ 0.289 हेक्टेयर 0.74 एकड़ है। महाप्रबंधक के अनुसार आवश्यक दस्तावेज के साथ प्रस्ताव न प्राप्त होने के कारण उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पूर्व में दी गई समय अवधि में रोजगार की कार्रवाई पूर्ण नहीं की जा सकी थी। पुन: 4 माह का और समय दिया गया है जो 24 जून 2019 को समाप्त हो जाएगा। बताया जाता है कि प्रभावित किसानों को रोजगार व मुआवजा दिलाने के लिए एसडीएम कोतमा की अगुवाई में 18 पटवारी 2 आरआई व 2 नायब तहसीलदार के साथ साथ कॉलरी के 12 अधिकारी व कर्मचारी लगे हुए हैं। इसमें 899 रोजगार देना था, जिसमें पहले ही 516 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। विदित हो कि हाल के दिनों में हाईकोर्ट के आदेश में कोतमा सिविल कोर्ट ने एसईसीएल अधीनस्थ आरओ झिरिया कोल माईंस को सील करने की कार्रवाई की थी। जिसमें कोर्ट में श्रमिकों द्वारा कॉलरी की मनमानी और नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने का मामला शामिल था। जिसपर पर कोर्ट ने 2011 में पारित आदेश की अनदेखी पर सख्त आदेश जारी करते हुए खदान को ही सील करवा दिया था।

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