शी-पावर: पति का छूटा साथ, सिलाई बुनाई से सम्भाली गृहस्थी, बेटियों को कर रही शिक्षित
कठिन परिस्थितियों के बाद भी बनी बेटियों का सहारा

अनूपपुर। पति और पत्नी गृहस्थ जीवन के दो पहिए होते हैं, जिसमें किसी एक के बिना गृहस्थ जीवन का संचालन मुश्किल हो जाता है। लेकिन कोतमा निवासी शालू गुप्ता ने अपने पति के निधन के बाद अपने हौसले को टूटने नहीं दिया और अपने हुनर का उपयोग कर अपनी गृहस्थी सम्भालने के साथ अपने बच्चियों की भी देखभाल कर रही है। पति के निधन के बाद बेटियों का सहारा बनकर उन्हें शिक्षित कर रही है। जिसके लिए उन्होंने सिलाई बुनाई को अपना रोजगार बना लिया है और इसी से प्राप्त होने वाली आय से घर की सारी जिम्मेदारियों को वह पूरा कर रही हैं। कोतमा के वार्ड क्रमांक 6 निवासी शालू गुप्ता के पति रवि गुप्ता का निधन 4 वर्ष पूर्व हो गया था। उनके पति संगीत कार्यक्रमों में ड्रम बजाने का कार्य करते थे। इसलिए जमा पूंजी भी नहीं थी। ऐसे में उनके सामने पति की अचानक निधन से आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई। वहीं दो बेटियों की परवरिश भी उन्हें निभानी थी। शुरूआती दिन तो किसी तरह गुजर गए, लेकिन बाद में आर्थिक स्थिति अधिक खराब होने पर एक सिलाई मशीन लेकर सिलाई करना आरम्भ कर दिया।
बॉक्स: सिलाई बुनाई कर बेटियों को दे रही शिक्षा
शालू गुप्ता बताती है कि दो पुत्रियां हैं एक की उम्र 6 वर्ष तथा दूसरे की 9 वर्ष है। जिन्हें शिक्षित करने के लिए उन्होंने सिलाई बुनाई करना प्रारंभ किया। जिससे अब उन्हें इतनी आय हो जाती है कि वह घर की जिम्मेदारी संभालने के साथ दोनों बच्चियों को पढ़ा भी रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कठिन परिस्थितियों में भी शालू ने अपने बेटियों का सहारा बनकर उन्हें शिक्षा दे रही है।
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