समाजवादी पार्टी में जान बसती है शिवपाल यादव सामजवादी पार्टी के बारे बोलते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा की समाजवादी पार्टी में मेरी जान बसती थी, लेकिन उसी पार्टी को कुछ लोगों ने भटका कर गलत रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है। ये सब मेरे से नहीं देखा गया। मुलायम सिंह यादव के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे मेरे पिता समान बड़े भाई हैं। जहां उनका अपमान होगा वहां वे बिलकुल नहीं रुक सकते हैं। समाजवादी पार्टी में लोहिया विचारधारा के लोग शामिल थे, लेकिन अब सत्ताभोगी और स्वार्थी लोगों की जमात भर चुकी है। एक समय था जब उत्तर प्रदेश की राजनीति समाजवादी पार्टी के नाम से जानी जाती थी, लेकिन आज प्रदेश की जनता उसका नाम तक लेना पसंद नहीं करती। ये जनता के साथ धोखा नहीं तो क्या है/ पार्टी पिछले कुछ सालों से जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही है।
नेताजी की स्वीकृति से मनाया सेक्युलर मोर्चा शिवपाल यादव ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे की स्थापना नेता जी की अनुमति के बाद की है। इसके लिए उन्होंने काफी पहले से बातचीत की थी। मोर्चा बनाने से पहले नेता जी से लोहिया ट्रस्ट में मैंने गहन समीक्षा और आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा की। इसके अगले ही दिन हम फिर से मिले। देखिए, मैं उनके आशीर्वाद के बिना कोई बड़ा कदम नहीं उठा सकता। वह मेरे आदर्श हैं। उनका आशीर्वाद ही मेरे लिए हर जगह उनकी मौजूदगी का एहसास कराता है। पार्टी गठन के सिर्फ दो दिनों में ही पांच लाख कार्यकर्ता हमसे जुड़ चुके हैं। पार्टी बनाने की घोषणा के दूसरे दिन मेरी मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में सभा थी जिसमें लाखों लोगों का जुटान बताता है कि मेरी प्रदेश को कितनी जरूरत है।