कागजों में सिमटा मास्टर प्लान, नगरीय सुविधाओं से वंचित रह गए सीमा से सटे १५ गांव
अनूपपुरPublished: Jun 12, 2018 08:56:31 pm
कागजों में सिमटा मास्टर प्लान, नगरीय सुविधाओं से वंचित रह गए सीमा से सटे १५ गांव
कागजों में सिमटा मास्टर प्लान, नगरीय सुविधाओं से वंचित रह गए सीमा से सटे १५ गांव
संरक्षित स्थलों पर हो अवैध निर्माण , गांवें शहर सुविधाओं से रही अछूती
अनूपपुर। वर्ष २०१० से २०२१ तक तीन चरणों में मास्टर प्लान के तहत ७६२२.२३ हेक्टेयर भूमि पर नगर विकास योजनाओं को क्रियान्वित कर अनूपपुर को वृहत नगरीय क्षेत्र बनाने की परिकल्पना अब रजिस्टरों में दफन होकर रह गई है। जारी अधिसूची के ९ साल बाद भी नगरपालिका द्वारा प्रथम चरण की योजनाओं को क्रियान्वित नहीं किया गया। जिसके कारण नगर १२८५.०३ हेक्टेयर सहित आसपास के १५ गांवों की ६३६३.७१ हेक्टेयर भूमि नगरीय विकास से अछूती रह गई। जबकि तीन चरणों में विकास के लिए संरक्षित की गई ७६२२.२३ हेक्टेयर जमीन असंरक्षित होकर बेतरतीब निर्माणों की भेंट चढ़ गई है। दिनोंदिन बढ़ती आबादी में नगर की मुख्य चौड़ी सडक़ें सकरी, अवैध कब्जा तथा नगर एवं ग्राम निवेश के तहत आरक्षित हुए स्थलों पर मनमर्जी निर्माण से अट सी गई। बावजूद नगरपालिक अपने मास्टर प्लान के अनुरूप नगर विकास के लिए कोई पहल नहीं कर रही है। जिसके कारण अब नगरपालिका अपने मास्टर प्लान के अनुरूप बेढगी नगर आने लगी है।
अनूपपुर विकास योजना के तहत भोपाल से आई सर्वें की टीम के साथ स्थानीय अधिकारियों व नगरवासियों की संयुक्त बैठक में वर्ष २००९ के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर एक आयुक्त सह संचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल ने अधिसूचना जारी करते हुए राजपत्र प्रशासन के बाद उसे प्रभावशील किया था। जिसमेें भूमि के युक्तियुक्त उपयोग, बेहतर परिवहन सरंचना, अधोसरंचना, के उन्नयन एवं विकास के साथ नगर में स्थित तालाबो के संरक्षण के लिए प्रस्ताव बनाए गए। साथ ही विकास योजना मप्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के अंतर्गत अनुमोदित होकर आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय की अधिसूचना के तहत २७ जून २००९ को अनुमोदित होकर सूचना के मप्र. असाधारण राजपत्र में प्रकाशन से प्रभावशील बनाया गया था। इसमें सामतपुर, सकरिया, बेला, कुसुमहाई, पिपरिया, कर्राटोला, दुलहरा, बैरीबांध, दमना, परसवाड़, मानपुर, बरबसपुर, सीतापुर, बर्री, हर्री, गांवों शामिल कर इसे नगर विकास के रास्ते से जोड़ा जाता। इसमें सर्वे की टीम ने ३३७.३८ हेक्टेयर भूमि को विकसित क्षेत्र मानते हुए ६३६९.३९ हेक्टेयर भूमि को विकास के लिए उपयोगी माना। लेकिन अब इन जमीनों पर अवैध निर्माणों के कारण मास्टर प्लान की योजनाएं धुंधली हो गई है।
बॉक्स: प्रथम चरण के कार्यक्रम
प्रथम चरण में योजना पर्यवेक्षण तंत्र को आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सार्वजनिक एवं अद्र्ध सार्वजनिक, आमोद-प्रमोद यातायात एवं परिवहन मार्ग सहित अंडरब्रिज के लिए २२६.८३ हेक्टेयर भूमि का भू-अर्जन कर इनमें ५७०० लाख की लागत से १६९.१४ हेक्टेयर भूमि को विकास कार्य के लिए निर्धारित किया गया था। साथ ही ७.५ किलोमीटर नए मार्ग का निर्माण किया जाना प्रस्तावित रखा गया था। जिसमें पंचवर्षीय आधार पर एकीकृत नगरीय विकास कार्यक्रम के निरंतरण तंत्र की स्थापना, प्रथम चरण क्रियान्वयन के लिए निवेश और बजट पर्यवेक्षण करना, भौतिक लक्ष्य एवं अंधोसंरचना एवं क्षेत्र में निवेश निर्धारण करने सहित अन्य नगरीय विकास कार्यक्रम सौंपें गए थे।
बॉक्स: अधिकारी रहे बेखबर
नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति के रूप में जिला मुख्यालय एवं अन्य नगरों के लिए कलेक्टर को अध्यक्ष, टीएसीपी के क्षेत्रीय अधिकारी सदस्य, मप्र. गृह निर्माण उपायुक्त या कार्यपालन यंत्री सदस्य, सीएमओ सदस्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण तथा एमपीईबी के कार्यपालन यंत्री सदस्य के रूप में शामिल किए गए थे। लेकिन आजतक इनमें से किसी भी पदाधिकारी ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पहल नहीं की।
वर्सन:
इसमें कुछ गांवों ने शामिल से इंकार कर दिया, जबकि इन मामलों में प्रशासनिक स्तर पर शामिल करने की भी पहल नहीं हो सकी। चयनित स्थल में कुछ त्रुटियां भी सामने आई। फिर से वर्ष २०२२ में नए प्रस्ताव के अनुरूप स्थल चिह्नित किए जाएंगे।
रामखेलावन राठौर, अध्यक्ष नगरपालिका अनूपपुर।