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डेढ़ किलोमीटर कीचडय़क्त सडक़ से जूझ रहे छह गांव

locationअनूपपुरPublished: Aug 11, 2019 03:01:52 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

बारिश के तीन माह पैदल चलने नहीं मिलती जगह, गांव के लिए नहीं गुजरता कोई वाहन

Six villages struggling with one and a half kilometer of mud road

डेढ़ किलोमीटर कीचडय़क्त सडक़ से जूझ रहे छह गांव

अनूपपुर। जिला मुख्यालय से ८ किलोमीटर दूर जनपद पंचायत जैतहरी की बेलियाफाटक से अमगवां जैतहरी जाने वाली डेढ़ किलोमीटर लम्बी सडक़ बारिश की पानी में कीचड़ से दलदलयुक्त बन गई है। दलदल इतना है कि पैदल चलने पांव रखने की जगह नहीं। पैर की एड़ी से अधिक मोटी दलदलयुक्त सडक़ पर वाहनों का आवाजाही पूरी तरह बंद है। अगर इस दौरान किसी ग्रामीण को जरूरत के लिए अमगवां से अनूपपुर या जैतहरी की ओर जाना पड़े तो अन्य वैकल्पिक घुमावदार रास्तें से पहुंच सकेेंगे। यहीं नहीं इस मार्ग से लगभग छह गांवों का सम्पर्क जुड़ा है। जिसमें इन आधा दर्जन गांवों से अनूपपुर, जैतहरी या आसपास के स्कूलों तक पढऩे जाने वाले स्कूली छात्र-छात्राओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जबकि यहां से गुजरने वाले छह गांवों के ग्रामीणों को रोजाना दो-चार होना उनकी मजबूरी बन गई है। यह मजबूरी इन ग्रामीणों क आज से नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार यह सडक़ कई दशकों से आसपास के गांवों की मुख्य सडक़ है। जिसपर सडक़ निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की है। इससे पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा दो साल पूर्व वर्ष २०१७ में गड्ढायुक्त सडक़ होने पर मिट्टी की फिलिंग कराकर समतलीकरण कराया गया था। लेकिन इसके बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने सडक़ निर्माण या उसकी फिलिंग के लिए सुध नहीं ली। और नाही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याओं पर कार्रवाई करने की पहल की। जिसके कारण प्रत्येक वर्ष बारिश के दौरान बेलिया गांव से अमगवां तक बनी ३ किलोमीटर कच्ची मार्ग में डेढ़ किलोमीटर कच्ची सडक़ पूरी तरह कीचडय़ुक्त बन जाती है। कीचड़ के कारण सुबह से शाम तक ही ग्रामीणों की आवाजाही होती है। रात के दौरान यह मार्ग पूरी तरह बंद और सन्नाटे में तब्दील रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस मार्ग का पक्कीकरण कर दिया जाए तो आधा दर्जन गांवों के ग्र्रामीणों के लिए सुविधाजनक मार्ग उपलब्ध हो सकेगी और ग्रामीण दिन-रात आसानी से आवाजाही भी कर सकेंगे।
बॉक्स: १५ फीट चौड़ी सडक़ पर मात्र पगडंडीयुक्त रास्ता
पीडब्ल्यूडी विभाग की मिट्टी फिलिंग व समतलीकरण में यह मार्ग लगभग १५-२० फीट चौड़ी है, लेकिन हालात यह है कि इतनी चौड़ी सडक़ पर कीचड़ के कारण मात्र पगडंडीनुमा रास्ता बना हुआ है। जिसपर साइकिल सवार से लेकर पैदल चलने वाले ग्रामीण आगे की यात्रा करते हैं। इस दौरान अगर किसी बाइक सवार बाइक ले जाने का प्रयास करता है कि कीचड़ के कारण हादसे का शिकार बनता है। फिलहाल ग्रामीणों को बारिश सीजन तक इस कीचडय़ुक्त सडक़ से मुक्ति नहीं मिलने वाली है।
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