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सोशल मीडिया ने बिछड़े को मिलाया: मानसिक अस्वस्थ्यता में घर छोडक़र अनूपपुर पहुंचा सोनू को मिले अपने परिजन, दुकानदार के पुत्र ने गूगल से ढूढ़ निकाला गांव

locationअनूपपुरPublished: Aug 11, 2018 08:21:01 pm

Submitted by:

shivmangal singh

सोशल मीडिया ने बिछड़े को मिलाया: मानसिक अस्वस्थ्यता में घर छोडक़र अनूपपुर पहुंचा सोनू को मिले अपने परिजन, दुकानदार के पुत्र ने गूगल से ढूढ़ निकाला गांव

Social media mixed up with the ball: In mental disadvantage, leaving t

सोशल मीडिया ने बिछड़े को मिलाया: मानसिक अस्वस्थ्यता में घर छोडक़र अनूपपुर पहुंचा सोनू को मिले अपने परिजन, दुकानदार के पुत्र ने गूगल से ढूढ़ निकाला गांव

कबाड़ की दुकान में काम के दौरान दी जानकारी, अन्य लोगों से पूछताछ करते करते परिजनों को दी उसके बिछड़े भाई की जानकारी
अनूपपुर। कौन कहता है कि दुनिया में इंसानियत और मानवीयता कम हो गई है, एक बार करगुजर कर देखो? अनूपपुर जिला मुख्यालय में शुक्रवार को आधुनिक संचार तंत्र तथा दुकानदार के बेटे की दरियादिली ने एक बिछड़े परिवार को मिला दिया। युवक को पाकर परिवार का हरेक सदस्य दुकानदार के पुत्र को धन्यवाद दे रहा है और बस यही कह रहा है कि पिछले १३ सालों में हम नहीं ढूढ़ पाए उसे आपने चंद माहों में कर दिखाया। पिछले१३ सालों से अनूपपुर की गलियों व सडक़ों पर यायावर की तरह जिंदगी जीने वाले ३३ वर्षीय मो. मुमताज अंसारी उर्फ सोनू ग्राम तपकड़ा, पोस्ट बरदा थाना टोपा जिला खूंटी झारखंड को आज अपने घर के परिजनों के पास वापस लौटने का मौका मिल रहा है। घर से उन्हें अनूपपुर लेने पहुंचे बड़े भाई मो. मुस्ताक अंसारी की पहचान पर दोनों भाईयों एक-दूसरे को पाकर खुश थे। दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया तो छोटे भाई मो. मुमताज ने अपने बड़े भाई मो. मुस्ताक से अपने साथ घर वापस ले जाने की बात कह डाली। इस मिलाप में मददगार रहे युवक अनूपपुर नपा पटौराटोला निवासी मोहम्मद अनीश मंसूरी दोनों भाईयों को लेकर पत्रिका कार्यालय पहुंचे, जहां युवक के लापता से लेकर ढूढऩे तक की घटना सुनाई। बताया जाता है कि लगभग १९ वर्ष की अवस्था में झारखंड के ग्राम तपकड़ा में रहने वाला युवक मो. मुमताज अपनी मानसिक अस्वस्थ्यता में घर छोडक़र लापता हो गया था। युवक के अनुसार वह गांव की बस में बैठकर खादगड़ा बस स्टैंड आया था, जहां से वह किसी तरह रेलवे स्टेशन पहुंचा और ट्रेन में सवार हो गया, कुछ दिनों तक एक ट्रेन से दूसरी ट्रेनों में ही सफर करते हुए वह जबलपुर पहुंचा। यहां उसने किसी दुकान, कबाड़ दुकान या अन्य स्थानों पर काम करते हुए पेट भरे और फिर वहां से किसी बस में सवार होकर डिंडौरी की ओर आ गया। यहां भी कुछ समय तक इसी तरह दुकानों में काम करने के बाद बस में सवार होकर अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम पहुंचा और फिर पैदल ही किररघाट की घाटियां उतरकर अनूपपुर आया था। लोगों का कहना है कि मो. मुमताज अंसारी उर्फ सोनू अनूपपुर में १०-१२ सालों से देखा जा रहा है, जो मानसिक अस्वस्थ्य तथा गुमशुम रहने वाला इंसान है। अनूपपुर में भी रेलवे स्टेशन, होटल, बस स्टैंड की चाय दुकान तथा कबाड़ की दुकानों पर काम कर अपनी जिंदगी गुजारी है। ५-६ साल से मो. मुमताज मा. आबिद उर्फ नत्थू ड्राईवर की कबाड़ की दुकान पर काम कर रहा था, जहां नत्थू ड्राईवर ने उसे फटे हाल में देखते हुए कपड़ा और खाना की व्यवस्था कराते हुए कबाड़ बीनने का काम दिया था। इसी दौरान मो. आबिद के पुत्र मो. अनीश ने छह माह ऐसे ही बातचीत में उसके घर का पता पूछा, जहां युवक ने पुरानी यादों में गांव के नाम के साथ घर के आसपास रहे शेखर बेल्डिंग, मंटू-संटू चाट दुकान, भालू बस मालिक के भांजे का नाम बताया। युवक शेखर बेल्डिंग में काम करता था। लेकिन दुकानदार के पुत्र ने इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इसके बाद मो. अनीशन ने चंद माह फिर उसके गांव व परिजनों के सम्बंध में पूछताछ की तो युवक ने शेखर बेल्डिंग, मंटू-संटू चाट दुकान सहित अन्य का नाम बताया जिसके बाद युवक ने उसे मोबाईल की गुगल सर्च की मदद से गांव को ढूढा। यहीं नहीं मैप में आए दुकान के बोर्ड में लगे मोबाईल नम्बर की मदद से शेखर से बातचीत की। इसके बाद मंटू-संटू चाट वाले से भी बातचीत कर परिजनों के सम्बंध में जानकारी ली। इसके बाद युवक की तस्वीर उसके परिजनों तक पहुंचाई। जहां पहचान के बाद परिजन बिना रूके अपने बिछड़े परिवार के सदस्य को लेने अनूपपुर पहुंचे। परिजनों ने युवक पाए जाने की सूचना थाने में दी है।
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