सोनोग्राफी मशीन के यूपीएस में आई खराबी, निजी सेंटर से मरीज करा रहे जांच
अनूपपुरPublished: Oct 13, 2019 09:17:09 pm
रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में अस्पताल की लाखों की सोनोग्राफी मशीन बेकार
सोनोग्राफी मशीन के यूपीएस में आई खराबी, निजी सेंटर से मरीज करा रहे जांच
अनूपपुर। जिला अस्पताल में लगभग ६ लाख की लागत से लाई गई सोनोग्राफी मशीन का यूपीएस खराब हो गया है। जिसके कारण यहां पिछले दो माह से अस्पताल प्रशासन ने सोनोग्राफी हितग्राहियों को सूचना जारी करते हुए सोनोग्राफी बंद की जानकारी चस्पा करवा दी है। लेकिन जिला अस्पताल में पिछले १५ माह से सोनोग्राफी का कार्य प्रभावित है। यहां निजी तौर पर रखे गए रेडियोलॉजिस्ट की मनमानी में आजतक सोनोग्राफी जांच के लिए आए मरीजों की जांच पड़ताल नहीं की जा सकी है। कलेक्टर दर पर सप्ताह में दो दिन बुधवार और शनिवार को की जाने वाली सोनोग्राफी जांच में अबतक मरीज बिना जांच पड़ताल ही वापस लौटे है । लेकिन अब अस्पताल प्रशासन ने यूपीएस मशीन में खराबी की सूचना चस्पा करवा कर जांच के लिए आने वाले मरीजों का दर्द और बढ़ा दिया है। हालात यह है कि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी सेंटर पर ताला लटका है। जांच के लिए आने वाले मरीज सुबह से दोपहर तक इंतजार कर थककर वापस लौट रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर जिला अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की इस परेशानी से अंजान बना हुआ है। जिला अस्पताल में सोनाग्राफी सेंटर के बावजूद मरीज निजी सेंटरो से जांच करा रहे हैं। जांच की गुणवत्ता में मरीजों को जांच के लिए शहडोल जिला अस्पताल या फिर निजी संस्थानों की ओर रूख करना पड़ रहा है। जिसमें मरीजों को नि:शुल्कता की जगह मोटी रकम चुकाना पड़ रहा है। जबकि गम्भीर हालत में प्रसव के लिए भर्ती होने वाली माताओं को भी बिना सोनोग्राफी जांच के ही प्रसव कराने की मजबूरी बनी हुई है। लोगों का कहना है कि अगर जिला अस्पताल के यही हालात बने रहे तो फिर लाखों के सोनोग्राफी की मशीन मरीजों के किसी काम की नहीं रहेगी। अस्पताल सूत्रों के अनुसार ३१ जुलाई को सोनोग्राफी सेंटर से रेडियोलॉजिस्ट डॉ. आरके गुप्ता सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसकी सूचना दो माह पूर्व ही जिला अस्पताल प्रशासन को दे दी थी। हालंाकि जिला अस्पताल द्वारा भी सोनोग्राफी प्रभावित होने की जानकारी देते हुए शासन को जानकारी भेजी गई। लेकिन १३ माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी सोनोग्राफी सेंटर का दरवाजा जांच के लिए नहीं खुल सका है। जबकि उपचार के लिए रोजाना १००-१५० सोनोग्राफी जांच के लिए आते हैं। जिसमें अधिकांश पेट की समस्याओं और प्रसव पीडि़त माताएं शामिल होती है। इसमें पेट सम्बंधी विशेष समस्याओं पर डॉक्टरों द्वारा सोनोग्राफी को प्राथमिकता प्रदान की जाती है। जबकि प्रसव पीडि़त माताओं के अंतिम सोनोग्राफी रिपोर्ट के सहारे लेबर रूम डॉक्टरों द्वारा प्रसव कराया जाता है। लेकिन अब सोनोग्राफी तत्काल नहीं हो पाने के कारण डॉक्टरों की मुसीबत बढ़ गई है।
बॉक्स: बिना उपयोग कैसी खराब यूपीएस
जिला अस्पताल सोनोग्राफी सेंटर में लगी मशीन का उपयोग पिछले १५ माह से लगभग नहीं हुआ है। बावजूद अब मशीन का यूपीएस खराब बताया जाता है। माना जाता है कि मशीन की खराबी की आड़ मे अस्पताल प्रशासन सोनोग्राफी रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में इसे बंद ही रखना चाह रहे हैं। फिलहाल सोनोग्राफी के लिए गरीब आदिवासी परिवारों को मोटी रकम अदाएगी करनी पड़ रही है।
वर्सन:
कल मैं सोनोग्राफी सेंटर की जानकारी लेता हूं। अभी तक यूपीएस खराब के सम्बंध में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है।
बीडी सोनवानी, सीएमएचओ अनूपपुर।