मन पर नियंत्रण से संकल्प शक्ति को बनाएं मजबूत
अनूपपुरPublished: Jun 18, 2019 03:48:53 pm
आईजीएनटीयू में योग पर 12 दिवसीय कार्यशाला हुई संपन्न
मन पर नियंत्रण से संकल्प शक्ति को बनाएं मजबूत
अनूपपुर। ‘मन पर नियंत्रण से संकल्प शक्ति को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। यदि एक बार मन पर नियंत्रण हो जाए तो व्यक्ति का नैतिक और अध्यात्मिक विकास और अधिक शीघ्रता से संभव होता है। यह बात प्रमुख योग गुरु स्वामी मुक्तानंद पुरी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (आईजीएनटीयू) में पांच से 16 जून के मध्य आयोजित 12 दिवसीय योग शिविर को संबोधन के दौरान कही। शिविर में 105 साधकों ने योग के विभिन्न आयामों को जाना। विश्वविद्यालय के योग विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस शिविर में योग शिक्षा और योग शिक्षकों के शैक्षणिक विकास के बारे में प्रमुख रूप से चर्चा की गई। मुख्य अतिथि स्वामी सत्यानंद ने अष्टांग योग, पतंजलि योग दर्शन, भारतीय संस्कृति के मूल तत्व, सत्य, प्रेम, करूणा और राष्ट्र प्रेम जैसे सामयिक विषयों पर अपने विचार विस्तार से प्रकट किए। विषय विशेषज्ञ मुकुंद कृष्णन ने चक्र और संस्कृत भाषा के महत्व को स्पष्ट किया। जमुना प्रसाद श्रीवास्तव ने ध्यान से व्यक्तित्व विकास के बारे में बताया। शतानंद तिवारी ने आनंदयोग का क्रियात्मक पक्ष रखते हुए नियमित रूप से इसका अभ्यास करने पर जोर दिया। राम विनोद सिंह ने महर्षि महेश योगी के भारतीय ध्यान का अभ्यास कराया। श्रीकृष्ण चांडका ने कुंडलिनी योग के बारे में जानकारी प्रदान की। इसके अलावा डॉ. दीपक गुप्ता, प्रशांत और डॉ. ज्योति गुप्ता ने भी योग के विभिन्न आयामों की चर्चा की। डीन प्रो. एनएस हरिनारायण मूर्ति ने कार्यशाला की रूपरेखा को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके माध्यम से योग शिक्षकों को और अधिक प्रभावशाली शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी। विभागाध्यक्ष डॉ. मोहनलाल चढ़ार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।