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अनूपपुर

यहां अधिकारियों की ऐसी लापरवाही कि 80 हजार क्विंटल धान अब कौडियों के दाम होगी नीलामी

ओपेन कैप में सड़ गई खरीदी गई धान, शराब निर्माताओं को बेची जा रही धान

अनूपपुरMay 17, 2022 / 09:13 pm

Rajan Kumar Gupta

Such negligence of the officials here that 80 thousand quintals of pad

यहां अधिकारियों की ऐसी लापरवाही कि 80 हजार क्विंटल धान अब कौडियों के दाम होगी नीलामी

अनूपपुर। जिले में वर्ष २०२०-२१ के दौरान समर्थन मूल्य पर की गई ७ लाख १० हजार क्विंटल धान की खरीदी में ८० हजार क्विंटल धान की बोरियां विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। खरीदी गई धान ओपेन कैप में रखे-रखे सड़ गई। जिसमें १५ करोड़ ५२ लाख रुपए की अनुमानित धान खराब होने के बाद अब इसे कौडियों के दाम पर शराब निर्माताओं व अन्य को बेचने की तैयारी की जा रही है। जिसमें अब तक भोपाल स्तर से ६५ हजार बोरियों (लगभग २२ स्टैक) की नीलामी का टेंडर किया जा चुका है। हालांकि टेंडर हुए इस धान की अभी ढुलाई आरंभ नहीं हुई है। लेकिन जल्द ही सम्बंधित कंपनी का परिवहन आरंभ कर देगी। वहीं शेष धान की नीलामी की प्रक्रिया भी भोपाल स्तर से आरंभ की जाएगी।
विभागीय लापरवाही के चलते खरीदी गई धान की न तो मीलिंग हो पाई और न ही जिम्मेदार अधिकारी उसे सुरक्षित रख पाए। इससे शासन को करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं केन्द्र सरकार की नवीन मिलिंग नीतियों ने भी मिलरों को इससे दूरी बनाए रखा7 हालांकि बाद में सरकार ने मिलिंग में बढ़ाए गए दरों पर मिलरों को मनाने में सफल हुई, लेकिन विभागीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। हालात जिले में ८०-८२ हजार क्विंटल धान सड़ गए। जिसका उपयोग मिल में नहीं किया सकता। ओपन कैप कर्मचारियों के अनुसार ओपन कैप में रखवाने के बाद उसे पॉलीथीन से ढंक दिया जाता है। यहां साल भर के दौरान अधिकारियों ने उसे देखना तक उचित नहीं समझा। बारिश के मौसम में तेज बारिश के बाद ओपेन कैप में पानी से धान की बोरियां नमीदार हो जाती है, वहीं कड़ी धूप में उमस के कारण सड़ जाती है। जिसे अब टेंडर के माध्यम से बेचा जा रहा है।
८०-८२ हजार क्विंटल धान खराब के अनुमान
जिले के बरबसपुर ओपन कैप और पयारी ओपन कैप में भंडारित हुई धान खराब हुई है। जिसमें दोनों ओपन कैप में रखे गए ८०-८२ हजार क्विंटल धान खराब पाई गई है। बरबसपुर ओपन कैप में १ लाख क्विंटल धान भंडारण की क्षमता है, जिसमें मिलरों के माध्यम से कम मात्रा में उठाव किया गया। वहीं पयारी ओपन कैप में भी कम मात्रा में धान का उठाव किया गया। भंडारण में अधिकांश धान की बोरियां सालभर बिना देख-रेख की पड़ी रह गई। जबकि पिछले वर्ष धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल शासन से निर्धारित किया गया था। इसी दर पर किसानों से धान की खरीदी की गई थी। इस प्रकार प्रति क्विंटल की दर से ८० हजार क्विंटल धान की कीमत १५ करोड़ ५२ लाख रुपए से अधिक की थी, जो अब खराब हो गई है।
तीन बार टेंडर की होगी प्रक्रिया
वर्तमान में ६५ हजार बोरी लगभग २२ स्टैक (३२०० बोरी प्रति स्टैक) का टेंडर किया गया है। शेष धान की बोरियों का भोपाल से तीन बार टेंडर की प्रक्रिया अपनाते हुए नीलाम किया जाएगा। माना जाता है खराब सड़ी हुई धान आम तौर पर किसी काम की नहीं होती। इसे केवल शराब के निर्माण में ही उपयोग किया जा सकता है। इसीलिए शासन स्तर से इसे शराब निर्माता कंपनियों को विक्रय की तैयारी की जा रही है। विदित हो कि जिले में पिछले वर्ष लक्ष्य से अधिक धान का उपार्जन किया था। ७ लाख के लक्ष्य में ७ लाख १० हजार क्विंटल की खरीदी हुई थी। इसमें भंडारण के अभाव में दो लाख के आसपास धान की बोरियों को शहडोल के लिए भेजा गया था। इसके अलावा यहां भी भंडारित धान की बोरियों में अधिकांश खराब हो गई थी।
वर्सन:
ओपन कैप में भंडारित धान उठाव के अभाव में खराब हो गए थे, जिसमें शासन के निर्देश में ऐसे धान की नीलामी नान के सूचना के आधार पर किया जाता है। फिलहाल ६५ हजार बोरी धान का टेंडर हुआ।
प्रदीप द्विवेदी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी जिला खाद्य आपूर्ति विभाग अनूपपुर।
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