मध्यस्था कराने पहुंचा प्रशासन, प्रबंधन ने नहीं दिखाई गंभीरता, बैरंग वापस लौटे नायब तहसीलदार
अनूपपुरPublished: Dec 02, 2021 09:37:57 pm
आंदोलनकारी किसानों ने कॉलरी का कोयला उत्पादन तथा कोयले का परिवहन रोकने की दी है चेतावनी


मध्यस्था कराने पहुंचा प्रशासन, प्रबंधन ने नहीं दिखाई गंभीरता, बैरंग वापस लौटे नायब तहसीलदार
अनूपपुर। एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत कुरजा उपक्षेत्र में भूमि अधिग्रहण किए जाने के 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुनवार्स और रोजगार सहित ७ मांगों को लेकर ३० नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे चार गांव के किसानों द्वारा २ दिसम्बर को दिए गए चका जाम और कोयला उत्पादन प्रभावित की चेतावनी पर शाम ६.३० बजे नायब तहसीलदार बिजुरी धरना स्थल पहुंचे। जहां किसानों की मांगों के साथ उनके द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्वक करने और कॉलरी से बातचीत कर समाप्त करने की अपील की। लेकिन यहां किसानों ने अपनी मांगों को कॉलरी प्रबंधन द्वारा पूरा किए जाने पर अड़े रहे। किसानों से सार्थक बातचीत नहीं होने के बाद नायब तहसीलदार बिजुरी आरके सिंह ने कुरजा कॉलरी सब एरिया मैनेजर को जीएम से बातचीत करने की अपील की। जिसमें किसानों की मांगों और २ दिसम्बर को किसानों के चका जाम सहित कोयला उत्पादन प्रभावित मामले को संज्ञान में लेकर बातचीत के लिए बुलाया। लेकिन सब एरिया मैनेजर ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाया और इस सम्बंध में न तो जीएम से बातचीत की और ना ही मामले में जीएम को किसानों के बीच आने प्रयास कराया। इस दौरान धरना स्थल पर नायब तहसीलदार और सबएरिया मैनेजर के बीच लगभग घंटाभर बातचीत हुआ लेकिन घंटा भर बाद प्रबंधन अधिकारी द्वारा कोई पॉजिटिव रिस्पॉस नहीं दिया गया। जिसके बाद शाम ७.३० बजे नायब तहसीलदार बिना मध्यस्था कराएं वापस लौट आए। नायब तहसीलदार ने बताया कि किसानों की मांग वाजिब है, प्रशासन की तरफ से सारी प्रक्रियाएं पूरी कर दी गई है। अब कॉलरी और किसानों के बीच का मामला है। लेकिन प्रबंधन गंभीरता नहीं दिखा रहा है। प्रशासन मध्यस्था कर आगामी विवादों को दूर करने के लिए पहुंची थी। कल कोई व्यवधान उत्पन्न न हो किसानों और प्रबंधन को मनाने आया था।
विदित हो कि किसानों द्वारा 30 नवंबर से 7 सूत्रीय मांगों को लेकर किए जा रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा। जिसमें २ दिसम्बर को किसानों द्वारा कॉलरी उत्पादन और कोयला परिवहन रोके जाने की चेतावनी दी है। किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं किया गया तो गुरुवार 2 दिसंबर से कुरजा कॉलरी का कोयला उत्पादन तथा कोयले का परिवहन रोक दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी खुद कॉलरी प्रबंधन की होगी। किसानों का आरोप है कि बीते कई वर्षों में दर्जनों बार वह शांतिपूर्ण आंदोलन तथा धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, इसके बावजूद अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल पाया है। कॉलरी प्रबंधन के साथ की प्रशासन के द्वारा भी किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। दर्जनों बार शिकायत के बावजूद अब तक रोजगार का मामला सिर्फ कागजी कार्रवाई में ही अटका हुआ है। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनय शुक्ला ने बताया कि गुरुवार की सुबह से ही किसानों के द्वारा अपनी मांगों को पूरा करने के लिए कुरजा कॉलरी में कार्यरत कर्मचारियों को कार्य पर जाने से रोकने के साथ ही कोयले का परिवहन बंद किया जाएगा। जिसके लिए आंदोलनकारी कॉलरी गेट पर ताला लगाते हुए धरने पर बैठेंगे।
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