scriptकलेक्टर ने सीएमओ को लगाई फटकार कहा शहर जैसा नहीं दिखता अनूपपुर, जिले के शहर से अच्छा है गांव | The collector said the rebuke of the CMO is not like the city, Anuppur | Patrika News

कलेक्टर ने सीएमओ को लगाई फटकार कहा शहर जैसा नहीं दिखता अनूपपुर, जिले के शहर से अच्छा है गांव

locationअनूपपुरPublished: Jan 21, 2019 09:04:56 pm

Submitted by:

shivmangal singh

कलेक्टर ने सीएमओ को लगाई फटकार कहा शहर जैसा नहीं दिखता अनूपपुर, जिले के शहर से अच्छा है गांव

The collector said the rebuke of the CMO is not like the city, Anuppur

कलेक्टर ने सीएमओ को लगाई फटकार कहा शहर जैसा नहीं दिखता अनूपपुर, जिले के शहर से अच्छा है गांव

योजनाएं बनाकर बैठक में उपस्थित होने के दिए निर्देश, सफाई, अतिक्रमण, बदहाल सडक़ और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन नहीं होने पर जताई नाराजगी
अनूपपुर। जिला मुख्यालय की नगरपालिका अनूपपुर सहित अन्य नगरीय क्षेत्रों खासकर कोतमा, बिजुरी, अमरकंटक, पसान, जैतहरी की समस्याओं को लेकर पत्रिका की लगातार खबरों के बाद आखिरकार कलेक्टर ने सोमवार को आयोजित सप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान नगरीय प्रशासकों को जमकर फटकार लगाई। नगरीय प्रशासकों कार्यो की समीक्षा के दौरान ही कलेक्टर ने कहा आपके शहर से अच्छा गांव है। गांव की सडक़ें अच्छी है, अतिक्रमण कम तथा साफ-सफाई है। लेकिन नगरीय अधिकारियों को पता ही नहीं कि शहर में कुछ विकास के कार्य कराए जानें हैं। यहां तक दिनचर्या में साफ-सफाई और अतिक्रमणों के खिलाफ कोई रणनीति नहीं है। सब्जी मंडी अतिक्रमण से भरा हुआ है, सडक़ें धूल फांक रही है, बिजली के खम्भें बीच सडक़ों पर खड़े हैं, आधारभूत सुविधाओं से अधिकारियों का कोई लेना-देना नहीं है। शहर में कोई स्थल देखने लायक ऐसा नहीं जिसे दूसरों को दिखाया जा सके। बिना अनुमति शहरों में बेढंगे नवनिर्माण कराए जा रहे हैं। नगरीय क्षेत्र में पीएम आवास योजनाओं को भी सही तरीके से क्रियान्वित नहीं कराया जा रहा है। नगरीय अधिकारियों को यह पता ही नहीं कि नगर में कितने पीएम आवास योजना के तहत मकान निर्मित कराए जाने हैं। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा बिना योजना बनाए आगामी बैठक में नहीं आए। कलेक्टर का तर्क था कि अनूपपुर जिले में शहर जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्य नगरीय क्षेत्रों में मास्टर प्लान जैसी योजनाओं को अमल नहीं किया। जिसका नतीजा है कि सडक़ों तक अतिक्रमण बनी हुई है, नालियों का अता पता नहीं है। जो भी निर्माण हुए उसके लिए कोई प्लानिंग नहीं की गई। सबसे विकट समस्या वाहनों को खड़ी करने पूरे जिले में कहीं भी पार्किंग जैसी सुविधा नहीं है। कलेक्टर ने इनमें सबसे अधिक अनूपपुर नगरीय क्षेत्र जो जिला मुख्यालय क्षेत्र है में सबसे अधिक मास्टर प्लान योजनाओं की अनदेखी पाया। वर्ष २०१० में तैयार अनूपपुर विकास योजनाओं के विपरीत आवासीय और औद्योगिक प्लाट आवंटित कराए गए। सडक़ों के पचासा को दरकिनार कर दिया गया। यहां तक बिना किसी अनुमति और मास्टर प्लान के नवनिर्माणों की अनुमति देकर शहर को बेढंगा बना दिया।
विदित हो कि अनूपपुर जिले के पांच नगरीय क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा, अमरकंटक, बिजुरी, पसान तथा नगरपरिषद जैतहरी क्षेत्रों के भ्रमण के बाद कलेक्टर ने पत्रकारवार्ता के दौरान ही अनूपपुर को अनूपपुर शहर जैसा क्षेत्र नहीं मानते हुए गांवों को इससे बेहतर कहा था। इस दौरान कलेक्टर ने नगरीय प्रशासकों की बैठकें आयोजित कर अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा शहर को बेहतर बनाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अधिकारियों ने कलेक्टर के निर्देशों की अनदेखी कर दी। जिले के नगरीय क्षेत्रों के निरीक्षण के उपरांत नगर में बनी खामियों पर आखिरकार सोमवार २१ जून को समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर ने अन्य विभागीय अधिकारियों के समक्ष ही समस्त सीएमओ को फटकार लगाते हुए उन्हें लापरवाह बताया। साथ ही आगामी बैठक में बिना नगरीय विकास योजना के शामिल नहीं होने के निर्देश दिए।
बॉक्स: बिना अतिक्रमण हटाए कैसे होगा नगरीय विकास
माना जाता है कि नगरीय प्रशासकों की लापरवाही में जिले समस्त नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमणों ने सडक़ों तक कब्जा जमाया है। जिसमें अब इन अतिक्रमणों को हटाने में प्रशासन को पसीने उतर रहे हैं। लेकिन शहर जैसे दिखाने के लिए इन अतिक्रमणों को हटाए नगरीय विकास सम्भव नहीं है। नगरीय क्षेत्रों में सबसे बुरी स्थिति अनूपपुर, कोतमा, बिजुरी, और पसान नगरीय क्षेत्रों में बनी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो