शासकीय तालाबों का होगा सीमांकन व अधिग्रहण, जीर्णोद्धार के लिए मनरेगा और अन्य
स्त्रोतों का होगा सहारा
अनूपपुरPublished: Jun 23, 2019 01:39:28 pm
जल सहेजने प्रशासन और जनप्रनिधियों ने बढ़ाए कदम, गांव में तालाब का जीर्णोद्धार कर किया श्रमदान
शासकीय तालाबों का होगा सीमांकन व अधिग्रहण, जीर्णोद्धार के लिए मनरेगा और अन्य स्त्रोतों का होगा सहारा
अनूपपुर। जिले में जलस्त्रोतों के उपेक्षित व्यवस्थाओं तथा गर्मी के दौरान बनी जलसंकट की समस्या पर आखिरकार जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आगामी मानूसन के दौरान बरसने वाली बारिश को सहेजने की पहल दिखाई है। हाल के दिनों में पत्रिका द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर नीचे गिरे भूजल-स्तर तथा उसे उत्पन्न पानी की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया था। यहीं नहीं जिले के लगभग ४ हजार से अधिक तालाबों के गहरीकरण व जलसंरक्षण के अभाव में सूखे होने पर भी ध्यान दिलाया था। शनिवार २२ जून को प्रशासन द्वारा जिलेभर के ग्राम पंचायतों में विशेष आमसभाएं आयोजित कर वर्षा जल संचयन एवं उसके सरंक्षण पर रणनीति तैयार की गई। इसमें कलेक्टर के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि मेडियारास ने शनिवार को मेडियारास गांव में १.८३ लाख की लागत से तालाब के जीर्णोद्धार कार्य प्रारम्भ कराया और तालाब जीर्णोद्धार में श्रमदान भी किए। वहीं पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत के धरहरकलां ग्राम पंचायत में विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने आमसभा आयोजित करवाते हुए जल संचयन विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल के संदेशों का वाचन किया। साथ ही आमजनों से जल संरक्षण अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाने का आह्वान किया। कलेक्टर का कहना है कि आज हुए श्रमदान व आमसभाएं देश के प्रधानमंत्री द्वारा जलसंरक्षण के लिए की गई अपील में आयोजित हुई थी। लेकिन जिला प्रशासन अनूपपुर जिले में जलसंरक्षण के लिए अब अलग तरीके से रणनीति तैयार की है। इसमें जिले के समस्त जनपदों में बड़े तालाबों को चिह्नित करते हुए मनरेगा व अन्य स्त्रोत से गहरीकरण और मेढ़ बंधान का कार्य करेगी। जबकि ग्रामीण अंचलों में छोटे तालाबों को मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार करने की पहल की जाएगी। इसके लिए कलेक्टर ने राजस्व विभाग को शासकीय तालाबों के सीमांकन कराने तथा उसे अधिग्रहण करते हुए जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं जलसंरक्षण के लिए राजस्व विभाग, डब्ल्यूडीआरडीओ, ग्रामीण विकास विभाग, पीएचई तथा नगरपालिका सहित अन्य संस्थाओं को सामूहिक रूप में कार्य में लगाया। कलेक्टर का कहना है कि पुष्पराजगढ़ की कुछ बड़ी योजनाओं (डैम) जिसे डब्ल्यूआरडीओ द्वारा बनाए गए थे, लेकिन वर्तमान में सुधार की आवश्यकता है के लिए डीएमएस (खनिज मद) की मदद दी गई है। इस अभियान में प्रशासन जिले के बड़़े किसानों को भी अपने खर्चो पर तालाब बनाने तथा पानी संरक्षण के लिए प्रेरित करेगी। वहंी ग्रामीण अंचलों में ग्राम पंचायत के तहत मनरेगा योजना में गांव के लोगों को रोजगार मुहैया कराने के साथ तालाब गहरीकरण कार्य कराने का कार्य करेगी।
बॉक्स: हैंडपम्पों पास बनेंगे सोखता
पीएचई विभाग द्वारा गांवों में लगाए गए हैंडपम्पों के पास अब वॉटर रिचार्ज के लिए सोसखा जैसे प्रबंधन की भी व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके लिए कलेक्टर ने ग्राम पंचायत और पीएचई को निर्देशित करते हुए हैंडपम्प के पास ही एक सोखता बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि हैंडपम्प से बहकर आसपास जमा होने वाला पानी सोखता के माध्यम से जमीन के अंदर चला जाएगा। वहीं नगरपालिका अधिकारियों को नगर में बनने वाले नए भवनों में वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम जैसे व्यवस्था बिना सत्यापन कराए अनुमति नहीं प्रदान करने की बात कही है। जबकि कलेक्टर ने शासकीय स्तर पर बनने वाले नए भवनों में यह फार्मूला अपनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है।
वर्सन:
जिले में जलसंरक्षण के लिए जनपद पंचायत के बड़े तालाबों को चिह्नित कर जीर्णोद्धार के लिए जपं सीईओ को निर्देशित किया है। जबकि गांव के छोटे तालाबों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार की योजना बनाई है। राजस्व विभाग को शासकीय तालाबों के सीमांकन कर अधिग्रहण के निर्देश दिए गए हैं।
चंद्रमोहन ठाकुर, कलेक्टर अनूपपुर।