राज्यपाल ने किया मां नर्मदा का दर्शन, देश की सुख समृद्धि की प्रार्थना
अनूपपुरPublished: Feb 25, 2020 09:02:06 pm
कल्याण आश्रम पहुंच बाबा कल्याणदास से की मुलाकात, विभिन्न विषयों पर की चर्चा
राज्यपाल ने किया मां नर्मदा का दर्शन, देश की सुख समृद्धि की प्रार्थना
अनूपपुर। दो दिवसीय प्रवास पर अनूपपुर के पवित्र नगरी अमरकंटक पहुंचे राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी ने २५ फरवरी की सुबह ७.१५ बजे मां नर्मदा का दर्शन कर पूजन किया, जहां मां नर्मदा से देश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की। मंदिर दर्शन कर रामघाट पहुंच मां नर्मदा का नदी स्वरूप देख प्रसन्ता व्यक्त किया। इस मौके पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर द्वारा राज्यपाल को मां नर्मदा उद्गम मंदिर ट्रस्ट द्वारा पैकेज किया गया अमरकंटक नर्मदा उद्गम जल भी भेंट किया। साथ ही कलेक्टर ने राज्यपाल को अमरकंटक क्षेत्र के अन्य धार्मिक एवं प्राकृतिक महत्व के स्थलों की जानकारी दी। इस दौरान विधायक पुष्पराजगढ़ फुंदेलाल सिंह मार्को ने राज्यपाल से भेंट की। वहीं सुबह 8.15 बजेे कल्याण आश्रम पहुंचकर बाबा कल्याणदास के समक्ष जलपान कर 9 बजे आश्रम से विदा हुए और इंदिरागांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे। यहां कुलपति से मुलाकाल कर रायपुर के लिए रवाना हुए। इस मौके पर हिमान्द्री मुनि, जगदीशानंद, धर्मानंदजी, हनुमान दास, संत हरस्वरूप दास, विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को, जपं उपाध्यक्ष संतोष पांडेय, कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा, नायब तहसीलदार, मुन्नु पांडेय, श्रवण उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे। इससे पूर्व 24 फरवरी की शाम लगभग 5.30 बजे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी कल्याण सेवा आश्रम पहुंचे थे जहां तपस्वी बाबा कल्याण दासजी से भेंटकर विभिन्न विषयों पर चर्चा की और रात्रि विश्राम भी कल्याण आश्रम में ही किया।
बॉक्स: राज्यपाल बोले जनजातीय संस्कृति को संरक्षित कर आमजनो को लाभान्वित करने छात्र करें शोध
‘हमारा देश बहुत सी जनजातीय सांस्कृतिक धरोहरो से भरा पड़ा है। आज के युग में प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन यापन के तरीकों का महत्व बढ़ रहा है। स्वस्थ एवं सुखमय जीवन यापन करने का तरीका हमारी भारतीय संस्कृति में निहित है।’ यह बात २४ फरवरी को महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में छात्रों को सम्बोधित करने के दौरान कही। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि भारतीय जीवन शैली में शोध कर परम्परागत स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों के पुनर्जीवन पर कार्य करें। इस दौरान आयुर्वेदिक औषधियों से जुड़े अपने जीवन वृत्तांतों को बताया एवं इस बात का उल्लेख किया कि आयुर्वेद से न सिर्फ सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है साथ ही विभिन्न विकारों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है। विश्वविद्यालय कुलपति एसपीएम त्रिपाठी ने राज्यपाल को शॉल प श्रीफल एवं जनजातीय समूहों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया था। इसके उपरांत ट्राइबल मॉडल स्कूल के छात्रों द्वारा लघु नाटिका के माध्यम से संस्कृत भाषा के पुनर्जीवन का संदेश दिया गया। बच्चों के द्वारा दी हुई इस मनोहारी प्रस्तुति ने राज्यपाल सहित सभी उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
—————————