अनूपपुर। जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक में गाद के कारण नर्मदा की बदहाल और सूखती जलधारा को पुन: जीवित करने प्रशासन द्वारा आरम्भ की गई चार डैमों की सफाई के काम पर अब संशय के बादल मंडराने लगे हैं। हाल के दिनों में मौसम में आए बदलाव के बाद लगातार बारिश का सिलसिला बना हुआ है। जिसके कारण अमरकंटक में आए दिन तेज बारिश की बौछार धरती को गीली कर रही है। इससे नर्मदा के पुष्कर, गायित्री, सावित्री और माधव डैम के तलहटी से निकाली जा रही सिल्ट की मोटी परत बार बार गीली हो रही है। मशीनों द्वारा गाद निकालने का कार्य धीमा हो गया है। काम की धीमी रफ्तार से अब माहभर के दौरान चारो डैम को पूर्ण रूपेण सफाई कर नर्मदा जल संरक्षण कर पाना प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया है। अमरकंटक जानकारों का मानना है कि वैसे भी २० जून के आसपास मप्र में मानसून सक्रिय हो जाती है। इससे पूर्व प्री मानसून भी सबसे अधिक अमरकंटक को प्रभावित करती है। ऐसे में पुष्कर, माधव, सावित्री और गायत्री डैम से पूरी तरह गाद नहीं निकाला जा सकेगा। वहीं मानसून के दौरान तेज बारिश की बौछार के साथ नर्मदा उद्गम से निकलने वाली नर्मदाजल से ये सभी चारो डैम पूरी तरह भर जाएगा, जिसके बाद दशकों तक दोबारा नर्मदा के डैम की गाद नहीं निकाली जा सकेगी। विदित हो कि नर्मदा उद्गम के चंद फासले पर ही सूखती जलधारा और उथली हो चुकी पुष्कर डैम की सफाई के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश में कलेक्टर ने रामघाट, गायत्री और सावित्री सरोवर की सफाई की योजना बनाई थी। जिसमें विभिन्न विभागों के तकनीकि और विभाग प्रमुख अधिकारियों को सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमेंं कम से कम समय में अधिक से अधिक सफाई की रणनीति को शामिल किया गया था। साथ ही पर्यावरणीय नियमों के अनुसार डैम की सफाई की जानी थी। रामघाट, गायत्री और सावित्री सरोवर की सफाई के लिए प्रशासन ने ५.४५ करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया था।बॉक्स: जिम्मेदारों के अभाव में तीन माह बाद भी कार्य अधूराप्रशासनिक स्तर पर चयनित चार डैम पुष्कर, गायत्री, सावित्री और माधव डैम में एक मात्र डैम पुष्कर में ठीक ठाक गाद निकाला जाना बताया गया है। शेष गायत्री, सावित्री और माधव की सफाई में विभागीय जिम्मेदारों ने लापरवाही बरती। यहां निकाले जा रहे गाद के कार्य में कलेक्टर व पुष्पराजगढ़ एसडीएम के अलावा कभी अन्य अधिकारियों ने कार्य की मॉनीटरिंग नहीं की। यहां तक कि सफाई में स्थानीय संतों ने भी प्रशासन को सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन सफाई में उनकी भी चुप्पी है। माना जाता है कि इस मामले में स्थानीय सहयोगियों द्वारा गम्भीरता दिखाई जाती तो तीन माह के दौरान सम्भव था कि चारो डैम से गाद निकालने का काम पूरा हो जाता। बॉक्स: तो एक माह में कैसे होगी सफाई पूर्ण, कब निकलने वैतरणी की गंदगीमानसून के आगमन में अभी एक माह का समय है, लेकिन काम की धीमी गति से अब पूर्ण होने पर संशय बन गया है। माना जाता है कि बारिश के आरम्भ के साथ ही सावित्री, गायत्री डैम के रास्ते पुष्कर डैम पानी से भर जाएगा। जिसमें जितना कार्य पूर्ण हो सकेगा उसी से संतोष करना होगा। वहंी दूसरी ओर वैतरणी नदी में जमा गदंगी अबतक नहीं निकाला जा सका है। जिसे प्रशासन द्वारा सफाई के लिए आश्वस्त किया गया था। लेकिन अब दशकों से गंदगी से अटी पड़ी वैतरणी को इस वर्ष राहत नहीं मिल पाएगी। [typography_font:18pt;” >——————————————-